प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कृषि क्षेत्र वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। हैदराबाद में चल रही 3 दिवसीय बैठक के लिए एक वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन मौसम की घटनाओं को लेकर कई बार दिक्कत पैदा कर रहा है और इन चुनौतियों को वैश्विक दक्षिण (global South) द्वारा सबसे अधिक महसूस किया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व स्तर पर कृषि 2.5 अरब से अधिक लोगों के लिए आजीविका प्रदान करती है। वैश्विक दक्षिण में, कृषि सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 30 प्रतिशत और 60 प्रतिशत से अधिक नौकरियों के लिए जिम्मेदार है और आज इस क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भू-राजनीतिक तनावों के प्रभाव से महामारी के कारण आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान बिगड़ गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक मौसमी घटनाएं हो रही हैं, बार-बार हो रही हैं। इन चुनौतियों को वैश्विक दक्षिण द्वारा सबसे अधिक महसूस किया जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत की नीति "बैक टू बेसिक्स एंड मार्च टू फ्यूचर" का मिश्रण है, यहां तक कि देश प्राकृतिक खेती के साथ-साथ प्रौद्योगिकी-सक्षम कृषि को भी बढ़ावा दे रहा है।
मोदी ने कहा कि देश भर के किसान धरती माता के कायाकल्प पर ध्यान देने के साथ सिंथेटिक उर्वरकों या कीटनाशकों का उपयोग न करके प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।