लोहे की गेट पर चढ़ खेल रहा था बच्चा, अचानक बॉडी के अंदर घुस गई छड़, 20 मिनट छटपटाते हुए बैठा रहा रॉड के ऊपर

बच्चे चंचल होते ही है. उन्हें सिर्फ मौज-मस्ती से मतलब होता है. वो ये नहीं समझते कि किस चीज में उन्हें खतरा हो सकता है या चोट लग सकती है. वो सिर्फ खेलने की धुन में मस्त होते हैं.

इस वजह से पेरेंट्स को हमेशा अपने बच्चों के ऊपर नजर रखनी पड़ती है. जहां सावधानी हटती है, वहीं किसी तरह की दुर्घटना की खबर आ जाती है. हाल ही में मलेशिया में रहने वाले एक बच्चे के साथ ऐसी ही एक दुर्घटना घट गई.

बच्चा अपने घर के बाहर लगे गेट में चढ़कर खेल रहा था. जैसा हमारे घरों में आमतौर पर मेन गेट लगाया जाता है, वैसा ही बच्चे के घर के बाहर भी लगा था. लोहे के ग्रिल इसके ऊपर की तरफ से निकले हुए थे. बच्चा आराम से उसी पर चढ़कर खेल रहा था. पेरेंट्स ने भी इस और ध्यान नहीं दिया. इसका नतीजा हुआ कि अचानक ऊपर की तरफ से निकला एक रॉड सीधे बच्चे की बॉडी के अंदर घुस गया. इसके बाद जब बच्चे ने चिल्लाना शुरू किया, तब जाकर उसके पेरेंट्स बाहर आए. अपने बच्चे को इस स्थिति में देखने के बाद उनकी भी चीख निकल गई.

कबाब की तरह हो गया था फिट

मामला मलेशिया के सेलंगोर से सामने आया. यहां एक बारह साल के बच्चे के साथ ये दुर्घटना घट गई. बच्चा मेन गेट पर चढ़कर खेल रहा था. तभी उसका पैर स्लिप कर गया और वो सीधे मेटल के रॉड के ऊपर बैठ गया. ये रॉड उसकी बॉडी के अंदर घुस गई. बच्चा किसी कबाब की तरह मेटल में घुसा हुआ था. वो दर्द से चीखता रहा. पेरेंट्स ने तुरंत इमरजेंसी सर्विस को कॉल लगाया. लेकिन मदद आने तक बच्चा दर्द से छटपटाता ही रहा.

15 सेंटीमीटर अंदर से निकाली गई रॉड

15 सेंटीमीटर अंदर तक घुसा

बच्चे को रेस्क्यू करवाने के लिए सेलंगोर फायर एंड रेस्क्यू डिपार्टमेंट मौके पर पहुंची. उसके प्रवक्ता ने बताया कि बच्चे की स्थिति काफी खराब थी. मेटल रॉड उसकी बॉडी में 15 सेंटीमीटर अंदर घुस गई थी. उसे निकालने के लिए पहले रॉड को दरवाजे से काटा गया. इसके बाद बच्चे को रॉड को बॉडी में घुसाए हुए ही अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में सर्जरी के जरिये डॉक्टर्स ने रॉड को बाहर निकाला. लेकिन इस दौरान बच्चे का काफी खून निकल गया. पड़ोसियों के मुताबिक़, बच्चा अक्सर इस दरवाजे पर चढ़कर खेलता था. उस दिन बैलेंस बिगड़ जाने से वो सीधे मेटल रॉड पर ही बैठ गया, जिससे ये हादसा हो गया.