नई दिल्ली,  कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ओडिशा रेल हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे AICC प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के पत्र को कमजोर करने के लिए कर्नाटक के चार भाजपा सांसदों की शनिवार को आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह किसी भी आलोचना के लिए भगवा पार्टी की 'पूर्ण असहिष्णुता' (intolerance) का एक और उदाहरण है।

चिदंबरम ने यह भी कहा कि खड़गे के जवाब में भाजपा सांसदों का पत्र तथ्यों पर सतही और तर्कों पर खोखला था।

पूर्व मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा सहित कर्नाटक के चार भाजपा सांसदों ने मोदी को खड़गे के पत्र पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह पत्र में सिर्फ बयानबाजी थी और उसमें तथ्यों की कमी थी।

तेजस्वी सूर्या, पीसी मोहन, एस मुनिस्वामी और गौड़ा द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 'व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी' से प्राप्त तथ्यों के आधार पर पीएम को पत्र लिखना आपके कद के नेता को शोभा नहीं देता है। लेकिन शायद व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के रूप में, आपको फेक न्यूज को तथ्यों के रूप में फिर से गढ़ने के लिए मजबूर किया जाता है।

भाजपा सांसदों द्वारा उठाए गए रुख पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, चिदंबरम ने कहा कि उनकी प्रतिक्रिया किसी भी आलोचना के लिए भाजपा की पूर्ण असहिष्णुता का एक और उदाहरण है।

चिदंबरम ने कहा कि खड़गे राज्यसभा में विपक्ष के नेता होने के नाते प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 में सौंपी गई दो कैग रिपोर्ट खड़गे की तर्कसंगत आलोचना को पूरी तरह से सही साबित करती हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि CBI अपराधों की जांच करने के लिए है, न कि रेल दुर्घटनाओं की और तकनीकी, संस्थागत और राजनीतिक विफलताओं के लिए जवाबदेही तय नहीं कर सकती है।

खड़गे ने यह भी कहा था कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के "सभी खोखले सुरक्षा दावे" अब "उजागर" हो गए हैं और सरकार को इस गंभीर दुर्घटना के वास्तविक कारणों को प्रकाश में लाना चाहिए, जिसे उन्होंने भारतीय इतिहास में सबसे खराब दुर्घटनाओं में से एक बताया।

मोदी को लिखे अपने चार पेज के पत्र में कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया था कि बुनियादी स्तर पर रेलवे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय केवल खबरों में बने रहने के लिए सतही टच अप किया जा रहा है।