लाजपत राय महाविद्यालय में बुर्का पहनकर परीक्षा दे रही छात्रा को प्राचार्य ने ड्रेस कोड का पालन करने की नसीहत दी तो उसने अपना दर्द बयां कर कहा कि वह आइपीएस बनना चाहती है। बुर्का पहनने से रोका तो स्वजन तालीम बंद करा देंगे। वह प्राचार्य के सामने रोने लगी। बुर्का पहनकर तालीम देने की गुजारिश की

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प्राचार्य ने 30 मिनट तक छात्रा को समझाने का किया प्रयास

प्राचार्य ने खुद को अभिभावक की भूमिका में रखकर छात्रा को 30 मिनट तक समझाने का प्रयास किया। बुधवार को एमएसी सेकेंड समेस्टर की परीक्षा थी। सभी परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। प्राचार्य यूपी सिंह हर कैमरे से परीक्षार्थियों की जांच कर रहे थे। उन्होंने देखा कि एक कक्ष में परीक्षार्थी बुर्का पहनकर परीक्षा दे रही है। महाविद्यालय में ड्रेस कोड लागू है।

एमएसी गणित सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा दे रही थी छात्रा

ऐसे में प्राचार्य ने जानकारी की तो पता चला कि छात्रा एमएसी गणित सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा दे रही है। प्राचार्य परीक्षा कक्ष में गए। उन्होंने सुरक्षा गार्ड से कहा कि परीक्षा के बाद वह छात्रा से बात करेंगे। परीक्षा खत्म होने पर सुरक्षा गार्ड छात्रा को प्राचार्य के कार्यालय लेकर पहुंचा। प्राचार्य ने कहा कि वह अभिभावक के तौर पर बात कर रहे हैं।

प्राचार्य ने अपनी प्रबंधक की बेटी की सफलता की कहानी सुनाकर ड्रेस कोड का पालन करने के लिए प्रेरित किया। छात्रा ने कहा कि वह बुर्का शौक में नहीं पहनती हैं।

उनके स्वजन ने कहा कि बुर्का भी जरूरी है और तालीम भी जरूरी है। यदि बुर्का नहीं पहनने दिया गया तो उसे तालीम से वंचित होना पड़ेगा। वह तालीम से वंचित नहीं होना चाहती है। वह सफलता का मुकाम पाना चाहती है। उसे बुर्का से परीक्षा से वंचित न किया जाए।

आइपीएस बनकर नहीं पहन सकते बुर्का

छात्रा ने कहा कि उसे आइपीएस बनना है। जवाब में प्राचार्य ने कहा कि आइपीएस बनने के बाद बुर्का नहीं पहन सकती हैं। पुलिस अधिकारी का भी ड्रेस कोड होता है। इस बारे में विचार करना चाहिए।

प्राचार्य ने उसके जाते वक्त कहा कि परेशान होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अभिभावक के तौर उसे समझाया है। अब आपको अपनी परीक्षा की तैयारी पर ध्यान देना है।