सभी को लग रहा था कि बच्चा अपने आप में मस्त हैं. तभी आयुष की दादी की नजर उस पर पड़ी और उनकी चीख निकल गयी. दरअसल आयुष मुंह में सांप को लेकर चबा रहा था.

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स्थिति देखकर लग रहा था कि वह बहुत देर से सांप को चबाये जा रहा था क्योंकि सांप लहू लुहान होकर दम तोड़ चुका था और आयुष के मुंह पर भी खून लगा हुआ था. घबराई हुई दादी कि चीख सुनकर लोग इकठ्ठा हो गए. 

डॉक्टर ने कहा बच्चे खतरे से बाहर -

आयुष के पिता का नाम दिनेश कुमार और माँ का नाम सुनीता है. दोनों पति पत्नी काम में व्यस्त होने के कारण बच्चे को आँगन में खेलने के लिए छोड़ गए. थोड़ी देर बाद जब बेटे आयुष के साथ उनकी दादी दिखी और दादी ने चीख मारी तो पति पत्नी दौड़कर वहां पहुंचे. बच्चे के मुंह से सांप बाहर निकाला और उसके मुंह को पानी से अच्छी तरह धो दिया. लेकिन उनमे डर बैठ गया कि कहीं सांप का जहर बच्चे के शरीर में न फ़ैल जाए. आनन फानन में बच्चे को उठाकर नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. साथ में सांप के मृत शरीर को भी डॉक्टर के सामने पेश किया गया. जांच में पता चला कि सांप जहरीली प्रजाति का नहीं था. डॉक्टरों ने आयुष को 24 घंटे की निगरानी के बाद घर भेज दिया बच्चा एकदम स्वस्थ है.