नई दिल्ली, देश में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर राजनीतिक दलों के बीच रार मची हुई है। विपक्ष के 20 से ज्यादा दलों ने समारोह का बहिष्कार का एलान किया है। इसको लेकर बीजेपी नेताओं और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है। वहीं, अब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी अब पलटवार किया है।
जेपी नड्डा ने कहा कि क्या नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाले दलों को ये क्यों जोड़ता है? इसका जवाब आसान है- वे राजवंश द्वारा संचालित राजनीतिक दल हैं, जिनकी राजशाही पद्धति हमारे संविधान में गणतंत्रवाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों के विपरीत है।
जो पार्टियां संसद के उद्घाटन का बहिष्कार कर रही हैं, उनमें लोकतंत्र के प्रति कोई प्रतिबद्धता नहीं है, क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य राजवंशों के एक चुनिंदा समूह को कायम रखना है। इस तरह का रवैया हमारे संविधान निर्माताओं का अपमान है। इन पार्टियों को आत्ममंथन करना चाहिए।
साधारण तथ्य को पचा नहीं पा रहे ये दल
नड्डा ने आगे कहा कि वंशवादी दल, खासतौर पर कांग्रेस और नेहरू-गांधी राजवंश, इस बात को पचा नहीं पा रहा है कि देश के लोगों ने विनम्र पृष्ठभूमि से आने वाले एक व्यक्ति पर अपना विश्वास रखा है। राजवंशों की अभिजात्य मानसिकता उन्हें तार्किक सोच से रोक रही है।
नड्डा ने आगे कहा कि भारत के लोग ये देख रहे हैं कि कैसे ये पार्टियां राजनीति को देश से ऊपर रख रही हैं। इन पार्टियों को इनकी दलगत राजनीति को जनता फिर से सजा देगी।