नई दिल्ली, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आइसीसीआर) द्वारा आयोजित पहली हिंदी विश्व यात्रा में शामिल होने के लिए 13 देशों के 31 युवा प्रतिनिधियों का एक समूह भारत के दौरे पर है। इसमें रूस, पोलैंड, आस्ट्रेलिया, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, इटली, फिजी, मारीशस, जापान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और तंजानिया के युवा शामिल हैं।
सभ्यता के मूल्यों की भाषा है हिंदी
परिषद के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि हिन्दी के माध्यम से विदेशों में रह रहे अधिक से अधिक लोगों को भारत से परिचित कराने का प्रयास किया जा रहा है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी 'सभ्यता के मूल्यों की भाषा' है और इसे संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दिलाने का प्रयास चल रहा है।
युवा प्रतिनिधियों ने साझा किए अपने अनुभव
मालूम हो कि 20-29 मई तक आयोजित पहली हिंदी विश्व यात्रा के युवा प्रतिनिधियों ने शाम को न्यू महाराष्ट्र सदन में मीडियाकर्मियों से बातचीत की और अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के भाग के रूप में, जिन 31 प्रतिनिधियों को हिंदी भाषा में उनकी प्रवीणता के आधार पर चुना गया है, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक मूल्यों और भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों पर व्याख्यान में भाग लिया और केंद्रीय हिंदी संस्थान का दौरा भी किया।