नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। नेशनल कंपनी लॉ एपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) की ओर से सोमवार को एसीएलटी के उस आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी, जिसमें संकटग्रस्त एयरलाइन गो फर्स्ट को स्वैच्छिक दिवालियापन के लिए अनुमति दे दी गई थी।
दो सदस्यों वाली NCLAT बेंच ने गो फर्स्ट की दिवालियापन का विरोध कर रही एयरक्राफ्ट लीज कंपनियों से कहा कि अगर कोई भी राहत चाहिए तो नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के पास जाना होगा। साथ ही एनसीएलटी द्वारा 10 मई,2023 को दिवालियापन के लिए जारी किए गए आदेश को तत्काल प्रभाव से रोक दिया।
विमान लीज पर देने वाली कंपनियों ने क्यों किया विरोध?
एसएमबीसी एवीएशन कैपिटल लिमिटेड, जीवाई एविएशन, एसएफवी एयरक्राप्ट होल्डिंग्स एंड इंजन लीजिंग फाइनेंस बीवी (ELFC) समेत चार विमान लीज पर देने वाली कंपनियों की ओर से गो फर्स्ट एयरलाइन की दिवालियापन का विरोध किया जा रहा है। दिवालियापन का विरोध करने वाली कंपनियों की ओर से कहा गया कि ये हमें काफी नुकसान पहुंचाने वाला है।
गो फर्स्ट ने क्यों रोका कामकाज
गो फर्स्ट की ओर से 3 मई को यह कहते हुए ऑपरेशन बंद कर दिए थे कि कंपनी के पास कैश नहीं और इस कारण तत्काल प्रभाव से कंपनी अपनी उड़ानें रोक रही है। कंपनी की ओर से शुरुआत में 5 मई तक के लिए विमान सेवा बंद की गई है, लेकिन अब इसकी तिथि को बढ़ाकर 26 मई तक के लिए कर दिया गया है।
ऑपरेशन बंद करते समय गो फर्स्ट की ओर से कहा गया था कि प्रैट एंड व्हिटनी इंजनों के विफल होने के कारण कंपनी को अपनी 50 प्रतिशत से अधिक विमान को ग्राउंड करना पड़ा है और इससे कंपनी को नुकसान हो रहा है। इस वजह से अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा करने की सक्षम नहीं है।