नई दिल्ली, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। 2024 लोकसभा चुनाव के पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी का ये प्रदर्शन निश्चित रूप से कार्यकर्ताओं में जोश भरेगा। दक्षिण भारत में बीजेपी के सामने कर्नाटक की सत्ता को बचाए रखने की चुनौती थी, तो कांग्रेस के लिए वापसी का चैलेंज भी था। बसवराज बोम्मई के सहारे बीजेपी ने अपनी सत्ता को बरकरार रखने की पूरी कोशिश की, जबकि कांग्रेस डीके शिवकुमार-सिद्धरमैया की जोड़ी को आगे कर सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी थी।

कर्नाटक उन राज्यों में शुमार है, जहां हर पांच साल पर सरकार बदल जाती है। कर्नाटक में ये सिलसिला 1985 से चल रहा है, यहां की जनता पांच साल एक पार्टी को तो अगले चुनाव में दूसरी पार्टी को मौका देती है। इस बार भी कर्नाटक की जनता बीजेपी के साथ यही सिलसिला दोहराते हुए पार्टी को दूसरा मौका देने के मूड में नहीं दिखी।

कांग्रेस के लिए कर्नाटक को जीतना अहम

कांग्रेस के लिए कर्नाटक को जीतना एक तरह से अस्तित्व बनाए रखने के लिहाज से बेहद जरूरी था। कर्नाटक में कांग्रेस अकेले अपने दम पर स्पष्ट बहुमत हासिल कर सरकार बनाने में कामयाब हो गई है तो ये उसके लिए किसी भी तरह संजीवनी से कम नहीं है।

इन राज्यों में हैं कांग्रेस की सरकारें

प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस समय हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार चला रही है। राजस्थान में अशोक गहलोत और हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू तो वहीं छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल कांग्रेस की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।

कर्नाटक में राहुल और प्रियंका ने लगाया था एड़ी-चोटी का जोर

इस जीत का श्रेय राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को भी दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने तीन चरणों में कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 21 दिनों तक पैदल चलकर 511 किमी की दूरी तय की थी। यात्रा को राज्य में प्रवेश करते ही जनता से जबर्दस्त जनसमर्थन प्राप्त हुआ था। राज्य में भारत जोड़ो यात्रा सात लोकसभा और 20 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी थी।

अब 4 राज्यों में कांग्रेस सरकार

अब हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कर्नाटक में कांग्रेस की अपने दम पर सरकार है। तो वहीं, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस अभी गठबंधन सरकार में सहयोगी की भूमिका में है। कर्नाटक की सत्ता पर काबिज होने से कांग्रेस को 2024 के आम चुनाव के लिए रणनीति बनाने के लिहाज से भी फायदा होगा। कर्नाटक की इस जीत के बाद यह माना जा सकता है कि कांग्रेस एक बार फिर चुनावी मैदान में अपनी वापसी कर चुकी है।

वर्ष 2023 के अंत और वर्ष 2024 के शुरुआती दिनों में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर जैसे कई बड़े राज्यों के चुनाव होने हैं। निश्चित रूप से कांग्रेस के ऊपर जीत का यह सिलसिला जारी रखने का दवाब रहेगा और पार्टी को कर्नाटक की इस जीत से काफी बल मिलेगा। इस जीत के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का मिशन मोड और आक्रामक रूप में देखने को मिल सकता है।