बेंगलुरू,  Varuna Seat Assembly Constituency Result 2023 कर्नाटक के शुरुआती रुझान राज्य भर में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर का संकेत दे रहे हैं। जद(एस) भी 10 सीटों पर आगे चल रही है। रुझान 150 से अधिक सीटों के लिए उपलब्ध हैं। बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार 70 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रहे हैं।

विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने प्रारंभिक चरण में भाजपा उम्मीदवार और आवास मंत्री वी. सोमन्ना के खिलाफ शुरुआती बढ़त बना ली है।

सिद्धारमैया और सोमन्ना के बीच मुकाबला तेज

वरुणा कांग्रेस पार्टी का पारंपरिक गढ़ रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपने पुराने निर्वाचन क्षेत्र में वापस जा रहे हैं, जिसे उन्होंने 2018 में अपने बेटे एस यतींद्र के लिए 'बलिदान' कर दिया था।

जहां सिद्धारमैया के मैसूर क्षेत्र में लिंगायत वोटर बेस को बनाए रखने की संभावना है, वहीं सोमन्ना के लिंगायत मठों से भी अपील करने की संभावना है। निर्वाचन क्षेत्र के लगभग 2 लाख मतदाताओं में से लगभग 60,000 लिंगायत हैं, जिस समुदाय से सोमन्ना आते हैं।

भाजपा के इस नेता के खिलाफ लड़ रहे चुनाव

सिद्धारमैया पूरे राज्य में हाई प्रोफाइल माने जाने वाली वरुणा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। सिद्धारमैया के खिलाफ भाजपा ने मंत्री वी. सोमन्ना को चुनावी मैदान में उतारा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में सिद्धारमैया ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा नेता टी बसवराजू को मात दी थी। बता दें कि इस निर्वाचन क्षेत्र में वोटों का एक बड़ा हिस्सा लिंगायत का है। ये पारंपरिक तौर पर बीजेपी के मतदाता माने जाते हैं।

वरुणा सीट पर कुल 213,812 मतदाता

वरुणा सीट पर कुल 213,812 मतदाता हैं। पुरुष मतदाताओं की संख्या 108,252 और महिला मतदाताओं की संख्या 105,547 है। जबकि ट्रांसजेंडर 13 हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर सिद्दारमैया के बेटे यतींद्र एस विजयी हुए थे। यतींद्र को इस चुनाव में 96,435 वोट मिले। उन्होंने भाजपा के टी बासवराजू को 58,616 वोटों के अंतर से हराया। भाजपा उम्मीदवार को 37,819 वोट मिले थे।

सिद्धारमैया का हो सकता है आखिरी चुनाव 

कांग्रेस के सत्ता में आने पर सिद्धारमैया को भी मुख्यमंत्री पद के लिए एक शीर्ष दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा। सिद्धारमैया ने कहा, "मैं इस चुनाव के बाद राजनीति से संन्यास लेने का इरादा रखता हूं। मैं अपने मूल निर्वाचन क्षेत्र और स्थान का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं और सेवानिवृत्त होना चाहता हूं। इसलिए मैं वरुणा से चुनाव लड़ रहा हूं।"

विपक्ष के नेता सिद्धारमैया की जीत महत्वपूर्ण है क्योंकि वह मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। बीजेपी ने वरुणा सीट पर उनके खिलाफ वी सोमन्ना के रूप में एक मजबूत उम्मीदवार खड़ा किया है। उनकी हार उन्हें मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर कर देगी।