महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी IAS पूजा खेडकर विवादों में घिर गई हैं. पूजा के कारनामों के बाद उनकी मां मनोरमा खेडकर के कारनामे सामने आए थे, अब पूजा के पिता दिलीप खेडकर को लेकर भी नए-नए खुलासे हो रहे हैं.

दिलीप खेडकर अभी तक 2 बार सस्पेंड हो चुके हैं. अलग-अलग केस में रिश्वतखोरी को लेकर तत्कालीन सरकार ने दिलीप के खिलाफ एक्शन लिया था. 

महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1979 के नियम 3(1) और महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1979 के नियम संख्या 4 की उपधारा 1(ए) के साथ ही महाराष्ट्र जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1983 के नियमों के तहत क्षेत्रीय अधिकारी दिलीप खेडकर को 24 फरवरी 2020 से विभागीय जांच के अधीन निलंबित कर दिया गया है.

किस मामले में ली थी रिश्वत?

जब दिलीप खेडकर मुंबई के क्षेत्रीय कार्यालय में क्षेत्रीय अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, तब करीब 300-400 छोटे उद्यमियों ने शिकायत की थी कि दिलीप खेडकर मुंबई क्षेत्र में कई व्यवसाय मालिकों और प्रतिष्ठानों के लिए अनावश्यक परेशानी पैदा कर रहे थे और उनसे अवैध तरीके से जबरन वसूली कर रहे थे. 06 अक्टूबर 2015 को मुख्यमंत्री से शिकायत की गई थी. उक्त शिकायत बोर्ड में दर्ज कर ली गई हैं।

- पुणे के सुप्रभा पॉलिमर एंड पैकेजिंग ने 13 मार्च 2019 को शिकायत की थी, इसमें कहा गया था कि क्षेत्रीय अधिकारी दिलीप खेडकर ने 20 लाख रुपये की मांग की है, समझौता रुपये 13 लाख बताई गई है. इस शिकायत की प्रारंभिक जांच का आदेश मुख्यालय के माध्यम से दिया गया है.

- दिलीप खेडकर जब कोल्हापुर के क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत थे, तब बोर्ड को कोल्हापुर मिल और टिम्बर मर्चेंट द्वारा पुलिस उपाधीक्षक (भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, कोल्हापुर) से 01 मार्च 2018 को की गई शिकायत की प्रति प्राप्त हुई है, इस शिकायत में उद्यमी से पैसे की मांग की गई थी और बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल करने के लिए रुपये की मांग की गई है. इतना ही नहीं, नोटिस वापस लेने के लिए 25000 और 50000 रुपये की मांग की गई है.

  • सतारा के सोना अलॉयज प्राइवेट लिमिटेड ने 15 मार्च 2019 पत्र के माध्यम से शिकायत दी थी, इसमें कहा गया था कि 50 हजार रुपए की मांग की गई थी, दिलीप खेडकर ने उन्हें परेशान किया, क्योंकि संबंधित उद्योग ने उक्त राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया.
  • क्षेत्रीय अधिकारी दिलीप खेडकर का कोल्हापुर से मैत्री कक्ष, महाराष्ट्र, लघु उद्योग विकास निगम, मुंबई में ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन दिलीप खेडकर ने पद ग्रहण नहीं किया और बिना अनुमति के 6 से 7 महीने तक अनुपस्थित रहे.