-अकीदतमंदों का जुटेगा हुजूम, अकीदत के साथ चढ़ेगी पलंग पीढ़ी।
-कनूरी-लहबर के साथ होंगे नियाज -फातेहा
गोरखपुर। आस्था और सौहार्द का प्रतीक कहे जाने वाले हजरत सैयद सालार मसऊद गाजी रहमतुल्लाह अलैह बाले मियां का मुख्य मेला 14 मई दिन रविवार को बहरामपुर में बडे़ ही अकीदत के साथ प्रारम्भ हो रहा है। ज्येष्ठ माह में लगने वाला यह मेला पूर्वी उत्तर प्रदेश का आज मेला में शुमार है। मेले में लगने वाले बच्चों के लिए मनोरंजन व झूला और सर्कस जहां जायरीनों और अकीदतमंदों में आकर्षण का केंद्र रहेगा। वहीं हजरत सैयद सालार मसऊद गाजी रहमतुल्लाह अलैह बाले मियां कमेटी के मोहम्मद खालिक ने मेले में आने वाले जायरीनों और अकीदतमंदों द्वारा किये जाने वाले जियारत की तैयारी जोश खरोश के साथ लगे हुए हैं। साथ ही साथ पुलिस प्रशासन की ओर से भी जायरीनों और अकीदतमंदों की सुरक्षा का भी प्रबंध किया गया है। बाले मियां का यह मेला एक माह तक चलता है। जिसमें जायरीन बडे़ ही शिद्दत के साथ दर पर आकर अपनी मुराद पाते हैं। मजार शरीफ की जियारत करने के बाद मेला में लगे झूला, ड्रैगन व सर्कस का लुफ्त उठाते हैं। वहीं लजीज़ पकवानों की लगी दुकानों में लजीज़ व्यंजनों का भी लुफ्त उठायेंगे। महिलाओं के लिए श्रृंगार, बच्चों के लिए खिलौनों की दुकानें सजकर तैयार हैं। रविवार को मुख्य मेला के दिन हजरत सैयद सालार मसऊद गाजी रहमतुल्लाह अलैह बाले मियां के विवाह का रस्म अकीदतमंदों द्वारा पलंग पीढ़ी चढ़ाने का परम्परा है। मुख्य मेला की शुरुआत मजार शरीफ के गुस्ल व कुरआन-ए-पाक की तिलावत और चादर पोशी के साथ होती है।
इस मौके पर दरगाह के इंतजामकर मोहम्मद खालिक, सलाहुद्दीन, शहंशाह, इबरार अहमद एवं मोहम्मद असलम ने संयुक्त रूप से बताया कि यह एकता का साक्षात यह मेला सभी के लिए सुख की अनुभूति कराती है।