गुनौर :पन्ना जिले की जनपद पंचायत गुनौर आय दिन, अलग-अलग मुद्दों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती है इन दिनों जनपद पंचायत गुनौर के बाहर ग्राम पंचायतों के फर्जी बिलों को लेकर चाय पान की गुमटीयों में, आपको दलाल सक्रिय नजर आएंगे तो वही जनपद पंचायत गुनौर के बाहर तकरीबन आधा दर्जन से अधिक वेंडर खाली बिल बुक लिए घूमते नजर आएंगे आपको बता दें शासन के लाख प्रयासों के बावजूद गुनौर जनपद में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है वही सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों को कमीशन देने के नाम पर बगैर काम के कई ग्राम पंचायतों के बिल कटते देखे गए हैं, हासिल जानकारी के अनुसार गुनौर जनपद में तो यहां तक फर्जीवाड़ा हो रहा है कि भोले भाले सरपंचों की डीएससी ( डिजिटल सिग्नेचर )तक वेंडरों की दुकानों में रखी मिलेगी गुनौर जनपद में यह गजब का कारनामा सालों से देखने को मिल रहा है जिससे जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता साफ तौर पर नजर आ रही है क्या एक जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण दस्तावेज किसी ऑनलाइन दुकानों पर रखा जाना जायज है मगर यहां तो सचिव महोदय वेंडरों पर मेहरबान है भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघचुकी जनपद पंचायत गुनौर मैं, यह गजब का खेल, सालों से खेला जा रहा है मगर जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं जिस कारण अब बात सड़कों तक आ चुकी है एवं चर्चाएं जोरों पर है सुलगते सवाल जिन ऑनलाइन दुकानों में, ग्राम पंचायतों का कार्य किया जाता है एवं जो बिल लगाए जाते हैं क्या उसकी जांच कभी की गई है क्या जों बिल पंचायतों में लगाए जाते हैं क्या वह जीएसटी वाले है या फर्जी? यहां तो जांच के बाद ही पता चलेगा
क्या बालू,सरिया, सीमेंट का दुकानदार साफ सफाई या अन्य सामग्रियों का बिल
लगा सकता है
अगर , सरिया गिट्टी बालू सप्लायर अन्य कार्यों के बिल, लगाए हुए हैं तो उनकी जांच क्यों नहीं कराई गई ऐसे कई उदाहरण एवं कारनामे ऑनलाइन की दुकानों के माध्यम से जनपद पंचायत गुनौर में किए गए हैं जिनकी जांच होना नितांत आवश्यक है अगर इन सारी बातों को मद्देनजर जांच कराई जाती है तो निश्चित ही बहुत बडा, फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है मगर जिम्मेदार हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए हैं अब देखना यह होगा कि इन सारे मुद्दों पर जनपद पंचायत सीईओ द्वारा क्या एक्शन लिया जाता है