विशेष सत्र न्यायालय (एमपी व एमएलए कोर्ट) ने गुरुवार को उस मामले की सुनवाई की, जिसमें कांग्रेस के पूर्व मंत्री राजा पटेरिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने का मामला दर्ज है।

पटेरिया की ओर से अधिवक्ता संजय शर्मा ने आरोप मुक्त करने के लिए आवेदन पेश किया। उनकी ओर से तर्क दिया गया कि भाषण में कहीं भी हत्या करने की बात नहीं कही गई। बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। रेस्ट हाउस में पूर्व से ही एक मीटिंग चल रही थी, जिसमें लोगों का आना-जाना था।

यह भी नहीं कहा जा सकता कि रेस्ट हाउस में जबरन प्रवेश किया था। भाषण में ऐसी कोई बात नहीं है, जिससे समाज में घृणा फैले। अभियोजन की कहानी में यह स्पष्ट है, इसलिए जो आरोप लगाए गए हैं, उनसे मुक्त किया जाए। अभियोजन को 25 मई तक जवाब देना है। इसके बाद आरोप तय करने पर बहस होगी।

दरअसल, इस मामले में पन्ना जिले के पवई थाना पुलिस ने राजा पटेरिया के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने जांच के बाद विशेष न्यायालय में चालान पेश किया। चालान पेश होने के बाद पटेरिया को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर खंडपीठ से जमानत मिल गई थी। पटेरिया पर आरोप तय किए जाने हैं, जिसके बाद मामले का ट्रायल चलेगा। पुलिस ने पटेरिया पर धाराओं में बढ़ोतरी की है, जिसके चलते मामला सेशन कोर्ट में पहुंचा है।