नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट धीरे धीरे जनता तक सीधी पहुंच बनाने में जुटा हुआ है। संविधान पीठ में होने वाली महत्वपूर्ण सुनवाइयों की लाइव स्ट्रीमिंग (सजीव प्रसारण) शुरू करने के बाद कोर्ट ने उसकी ट्रांसस्कि्रप्ट भी वेबसाइट पर डालनी शुरू कर दी है लेकिन अभी भी एक बड़ा वर्ग है जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट में अंग्रेजी में होने वाली बहस समझना मुश्किल होता है, लेकिन आने वाले दिनों में उसकी यह कठनाई दूर हो जाएगी।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस पर चल रहा है काम
सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठों में होने वाली सुनवाइयों की ट्रांसस्कि्रप्ट हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी। मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि इस पर काम चल रहा है। मंगलवार को जब पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता की मांग पर सुनवाई चल रही थी उस दौरान प्रधान न्यायाधीश ने यह बात कही।
लाइव स्ट्रीमिंग के कारण लोग इसके बारे में सोच रहे हैं: वरिष्ठ वकील
मामले में जब एक राज्य की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने बहस के दौरान कहा कि इस सुनवाई का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि समाज में मंथन हो रहा है। लाइव स्ट्रीमिंग के कारण लोग इसके बारे में सोच रहे हैं। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि लाइव स्ट्रीमिंग वास्तव में सुप्रीम कोर्ट को लोगों के घरों और दिलों तक ले गई है।
जाने कैसे होता है न्याय
सुप्रीम कोर्ट अभी भी रोजाना संविधान पीठों में होने वाली सुनवाई की ट्रांसस्कि्रप्ट जो कि अग्रेजी मे होती है, सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डालता है। इससे जो भी व्यक्ति जानना चाहता है कि कोर्ट में इस मामले में बहस के दौरान किस वकील ने क्या दलील रखी और उस पर कोर्ट की क्या टिप्पणी थी, ट्रांसस्कि्रप्ट देखकर जान सकता है।