नई दिल्ली। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के एक कार्यक्रम में निर्यातकों से कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में और तेजी से आने वाला समय काफी चुनौतीपूर्ण व कठिन होने जा रहा है। इसलिए हमें नए बाजार को खोजने के साथ वहां व्यापार की संभावना भी तलाश करनी होगी।

2022-23 में 447 अरब डॉलर रहा वस्तु निर्यात 

गोयल के इस बयान से साफ हो गया है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 वस्तु निर्यात के लिहाज से बेहतर नहीं रहने वाला है। तभी चालू वित्त वर्ष के लिए वाणिज्य विभाग की तरफ से कोई निर्यात लक्ष्य अब तक तय नहीं किया गया है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में वस्तु निर्यात 447 अरब डॉलर का रहा, जो इससे पूर्व के वित्त वर्ष 2021-22 से लगभग छह फीसद अधिक है।

वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया था कि चालू वित्त वर्ष में वस्तु निर्यात को गत वित्त वर्ष के 447 अरब डॉलर तक भी ले जाना आसान नहीं दिख रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में वस्तु व सेवा को मिलाकर 773 अरब डॉलर का निर्यात किया गया जो भारतीय जीडीपी का लगभग 22 फीसद है। ऐसे में, निर्यात के प्रभावित होने से जीडीपी विकास दर भी प्रभावित हो सकती है।

भारत अपने कुल वस्तु निर्यात का 17.50 फीसद निर्यात अमेरिका को करता है, जो मंदी की चपेट में आता दिख रहा है। अमेरिका में महंगाई अपने चरम पर है और इसे रोकने के लिए गत बुधवार की रात अमेरिकी फेडरल बैंक ने वहां फिर से ब्याज दरों में 25 आधार अंक का इजाफा किया है।

इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात में दर्ज की गई गिरावट

यूरोप की आर्थिक दशा भी ठीक नहीं चल रही है और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप के अधिकतर देश गैस व खाद्य संकट से जूझ रहे हैं जिससे वहां महंगाई बढ़ने के साथ औद्योगिक उत्पादन भी कम हो गया है। यही वजह है कि भारतीय वस्तु निर्यात में 20 फीसद से अधिक की हिस्सेदारी रखने वाले इंजीनियरिंग गुड्स के निर्यात में गत वित्त वर्ष में गिरावट दर्ज की गई।