नई दिल्ली,  अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े जोखिम और सुरक्षा उपायों पर चर्चा करने के लिए शीर्ष कंपनियों के साथ बैठक की। इस बैठक में गूगल की तरफ से सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट की ओर से सत्या नडेला भी मौजूद रहे। 

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व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की अध्यक्षता में बैठक की गई, जिसमें प्रमुख स्टार्ट-अप OpenAI और एंथ्रोपिक के सीईओ को भी मौजूद रहे। साथ ही बाइडन प्रशासन के चीफ ऑफ स्टाफ जेफ ज़िएंट्स, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन, राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक लेल ब्रेनार्ड और वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो भी हिस्सा रहे।

140 मिलियन डॉलर का निवेश, AI रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाए जाएंगे

खबर के मुताबिक, सुंदर पिचाई और सत्या नडेला बैठक के लिए सुबह 11 बजे पहुंच गए थे। हालांकि, इन दोनों ने ही मीडिया को इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं दी। खास बात ये है कि बैठक से पहले व्हाइट हाउस की तरफ से एआई उद्यमों को स्थापित करने के लिए 140 मिलियन डॉलर के नए निवेश को लेकर घोषणा की गई थी।

इससे नेशनल साइंस फाउंडेशन को एडवांस बनाया जाएगा, इसके अलावा सात नए राष्ट्रीय आर्टिफशियल इंटेलिजेंस रिसर्च इंस्टीट्यूट भी बनाए जाएंगे।

बैठक में राष्ट्रपति बाइडन एआई को लेकर स्पष्ट रहे। उन्होंने कहा कि समाज, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था की सुरक्षा हमारे लिए सबसे अहम है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर नया कानून

वहीं, उपराष्ट्रपति हैरिस ने अपने बयान में कहा कि टेक्नोलॉजी जीवन को और बेहतर बनाने के लिए मदद करती है, लेकिन ये सुरक्षा, गोपनीयता और नागरिक अधिकारों के लिए खतरा भी पैदा कर सकती है। इस दौरान उन्होंने बैठक में मौजूद शीर्ष कंपनियों के कार्यकारी अधिकारियों से कहा कि उनके ऊपर अपने एआई प्रोडक्ट्स को की सुरक्षा निश्चित करने के लिए बड़ी जिम्मेदारी है।