नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय मीडिया और मनोरंजन (एमएंडई) का उपभोक्ता आधार बड़ा, लेकिन विषम है। यह कंटेंट का भूखा है। अच्छे कंटेंट के लिए उपभोक्ता उचित कीमत भी देने के लिए तैयार है। इसके अलावा वह इसके लिए नई-नई प्रौद्योगिकी को भी अपना रहा है, चाहे वह स्ट्रीमिंग हो, डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन शिक्षा, ई- कॉमर्स, सोशल मीडिया या गेमिंग।
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
इस उद्योग के साथ अलग-अलग तरह के उभोक्ता जुड़े हुए हैं। अनुकूल व्यापक आर्थिक और जनसांख्यिकीय कारकों के साथ यह उद्योग हाल के दिनों में बहुत तेजी से आगे बढ़ा है और इसका विस्तार कई मायनों में अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।
क्या है एमएंडई सेक्टर की प्रगति
भारत के एमएंडई क्षेत्र ने 2022 में अपना उच्चतम राजस्व हासिल किया। लगभग हर एक खंड में इसका विस्तार हुआ है। पारंपरिक और नए मीडिया क्षेत्रों में इसकी प्रगति हुई है। वीडियो, ऑडियो, टेक्स्ट और अनुभवों में मीडिया की खपत बढ़ी है। विज्ञापन 19% बढ़ा और ये 1 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है, जबकि मेम्बरशिप में 13 फीसद की वृद्धि हुई।
क्या कहते हैं आंकड़े
टेलीविजन सबसे लोकप्रिय सेगमेंट बना रहा। डिजिटल मीडिया ने एक मजबूत उपस्थिति दर्ज की। प्रिंट मीडिया के दिन भी सुधरते नजर आ रहे हैं और ये धीरे-धीरे निचले स्तरों से वापस आ रहा है। मनोरंजन सेक्टर दोगुना हो गया है और ऑनलाइन गेमिंग को पीछे छोड़ते हुए चौथे स्थान पर पहुंच गया। पारंपरिक मीडिया (टेलीविजन, प्रिंट, चल-चित्र, ओओएच, संगीत, रेडियो) की हिस्सेदारी 2022 में एमएंडई क्षेत्र के राजस्व का 58% थी, जबकि 2019 में ये 71% थी।