नई दिल्ली, पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। वहीं, भारत में भी अक्सर प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर चर्चा होती रहती है। पत्रकारिता करना एक बेहद जोखिमभरा काम है। कई बार पत्रकारिता करते हुए पत्रकारों पर हमले हो जाते हैं। इसके कई उदाहरण दुनियाभर में सामने आ चुके हैं।

सच को सामने लाने और अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाने के लिए पत्रकार अपनी जान को जोखिम में डालने से भी नहीं हिचकते हैं। अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर काम करने वाले पत्रकारों की आवाज को कोई ताकत न दबा सके, इसके लिए उन्हें स्वतंत्रता मिलनी बहुत जरूरी है, तभी वे अपने काम को अच्छे से कर पाएंगे।

इसी उद्देश्य के साथ हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (World Press Freedom Day) मनाया जाता है। आइए जानते हैं ऐसे पत्रकारों के बारे में जिन्होंने देश दुनिया में अपनी पत्रकारिता के दम पर अपना नाम बनाया और एक मुकाम हासिल किया।

पूरी दुनिया में ऐसे कई पत्रकार हैं जिन्होंने अपनी जान पर खेल कर अपनी रिपोर्टिंग और अपने काम को अंजाम दिया है। ऐसे कुछ नामों की चर्चा हम इस खबर के माध्यम से करने जा रहे हैं।

पत्रकारिता की दुनिया में जोसेफ पुलित्जर का नाम बहुत मशहूर है। इनका जन्म 10 अप्रैल 1847 को हंगरी में हुआ था। पुलित्जर जीवनभर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहे। पुलित्जर 11 साल के थे, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था और उनकी मां ने एक बिजनेस मैन से शादी कर ली थी।

बता दें कि जोसेफ पुलित्जर 17 साल की उम्र में हंगरी से अमेरिका गए ताकि गृह युद्ध में बतौर सिपाही हिस्सा लेकर जीविका कमा सकें लेकिन शायद तकदीर को ये मंजूर नहीं था। उन्हें सिपाही नहीं मशहूर पत्रकार जो बनना था।

पुलित्जर को जर्मन भाषा आती थी और उन्हें अमेरिका के सेंट लुइस में जर्मन भाषा के एक अखबार में नौकरी मिली। एक साल के अंदर वह रिपोर्टर से मैनेजिंग एडिटर बन गए। इसी बीच साल 1860 में जोसेफ पुलित्जर ने लॉ की पढ़ाई पूरी की और साल 1869 में मिसौरी विधानसभा के लिए चुने गए।

साल 1879 में उन्होंने सेंट लुइस में दो अखबारों का अधि‍ग्रहण किया और दोनों को मिलाकर एक सेंट लुइस पोस्ट डिस्पैच शुरू किया, जो आज भी मौजूद है। पुलित्जर ने 5 साल बाद न्यूयॉर्क वर्ल्ड अखबार को शुरू किया था। ये दोनों अखबार बेहतरीन पत्रकारिता के उदाहरण माने जाते हैं। साल 1917 से जोसेफ पुलित्जर के ही नाम पर 'पुलित्जर पुरस्कार' देने शुरू किए गए थे।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2023 की थीम

हर साल विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है। पिछले साल विश्व पत्रकारिता दिवस की थीम 'Journalism under Digital Siege' रखी गई थी। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की इस साल 30वीं वर्षगांठ है। साल 2023 की थीम है