नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: आपने कई बार सुना होगा कि एक व्यक्ति अच्छी खासी नौकरी छोड़कर वापस खेती करने लगा और अभी नौकरी से मिल रही सैलरी से हर महीने की कहीं अधिक कमाई कर रहा है। ज्यादातर लोग मानते हैं कि खेती में पैसा नहीं है, इसमें फायदे से ज्यादा नुकसान है, लेकिन अगर तरीके से और सोच समझकर खेती की जाए तो आप खेती से भी मोटी कमाई कर सकते हैं।
एक ऐसा ही बिजनेस करने का आईडिया हरी खाद का है। हरी खाद यूरिया की जरूरत को खत्म कर देता है और इससे फसल पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ढैंचा को हरी खाद के नाम से जाना जाता है। देश में कई राज्य सरकारें किसानों को हरी खाद की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद भी कर रही हैं।
हरियाणा की खट्टर सरकार ने 2023-24 की बजट में प्राकृतिक खाद को बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणा की है। हरियाणा सरकार ने ढैंचा की खेती पर 720 रुपये प्रति एकड़ का खर्च उठाने की वादा किया है, जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा।
कैसे और कब करें ढैंचा की खेती ?
अगर आप ढैंचा यानी हरी खाद की खेती करना चाहते हैं तो आप कभी भी शुरू कर सकते हैं। यानी आप इस खाद की खेती किसी भी सीजन में कर सकते हैं, लेकिन अगर आप ज्यादा पैदावार चाहते हैं तो ढैंचा की बुवाई खरीफ सीजन में कर सकते हैं।
10 लाख रुपये तक हो सकती है कमाई
ढैंचा की फसल तैयार होने के बाद इसे हरी खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। खरपतवार कम होने की वजह से निराई-गुड़ाई की बड़ी लागत कम हो जाती है, जिससे किसानों का खर्च कम होता है। ठेवा से एक एकड़ से करीब 25 टन तक की पैदावार होती है।
आकंडों की बात करें तो ढैंचा के बीज करीब 40 रुपये प्रति किलो के रेट से बाजार में बिकते हैं। इस हिसाब से आप ढैंचा की फसल से आप आसानी से 10 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।