नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: देश में UPI को कंट्रोल करने वाली NPCI की इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने भारतीय ग्राहकों को वैश्विक स्तर पर ई-कॉमर्स भुगतान में होने वाली परेशानी से छुटकारा देने के लिए डिजिटल भुगतान अवसंरचना प्रदाता PPRO के साथ एक निश्चित समझौते पर हस्ताक्षर किए है।
रुपे कार्ड और यूपीआई को बढ़ाने का लक्ष्य
NIPL और PPRO ने एक संयुक्त बयान में कहा कि समझौते का उद्देश्य पीपीआरओ के वैश्विक ग्राहकों जैसे भुगतान सेवा प्रदाताओं (पीएसपी) और वैश्विक व्यापारी अधिग्रहणकर्ताओं में ‘रुपे कार्ड’ और ‘यूपीआई’ स्वीकृति का विस्तार करना है।
बयान के मुताबिक यह सहयोग एनआईपीएल के विदेशी बाजारों में निरंतर विस्तार को बढ़ावा देगा और भारत को पीपीआरओ के लोकल पेमेंट मेथड (एलपीएम) कवरेज में जोड़ेगा।
भुगतान गेटवे और उद्यमों को बनाएगा सशक्त
एनआईपीएल और पीपीआरओ के बीच साझेदारी वैश्विक स्तर पर विस्तार करने के लिए वैश्विक पीएसपी, बैंकों, भुगतान गेटवे और उद्यमों को भुगतान प्लेटफार्मों के साथ सशक्त बनाएगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स व्यापारियों को भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंच प्राप्त होगी।
आपको बता दें कि एनआईपीएल, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। उपभोक्ता अपनी पसंदीदा भुगतान मेथड का उपयोग करके भारतीय रुपये में निर्बाध रूप से सीमा-पार खरीदारी कर सकते हैं।
2016 में लॉन्च हुआ था यूपीआई
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) भारत में सबसे लोकप्रिय पेमेंट सस्टिम है। भारत में 60 प्रतिशत घरेलू पेमेंट यूपीआई के माध्यम से हो रही है और 40 प्रतिशत भुगतान विश्व स्तर पर संसाधित करती है। भारत में यूपीआई को साल 2016 में लॉन्च किया गया था।