कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार मीणा ने कहा है कि राज्य में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े मामलों में 50 प्रतिशत से अधिक दोषसिद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग (EC) आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों पर बारीकी से नजर रखता है, जिनकी वजह से ऐसा हुआ है।

कर्नाटक में हुई सबसे ज्यादा सजा

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार मीणा ने कहा कि कर्नाटक उन राज्यों में से एक है, जहां सबसे ज्यादा सजा हुई है। पिछली बार 2,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। मीणा ने पीटीआइ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि सभी को आरोप-पत्र दिए गए और सभी पर मुकदमा चलाया गया और मुझे लगता है कि हमने कर्नाटक में 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को दोषी ठहराया है।

2013 से 2019 के बीच चुनाव से जुड़े हैं मामले

चुनाव आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक ये आरोप 2013 से 2019 के बीच हुए चुनावों से जुड़े हैं। मीणा ने आगे कहा कि सभी मामलों में फैसला हुआ है, लेकिन 50 फीसदी से ज्यादा मामलों में सजा हमारे पक्ष में रही हैं। यह एक बड़ी संख्या है। उन्होंने कहा मैं अन्य राज्यों के बारे में नहीं जानता, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है कि चुनाव संबंधी मामलों में सजा हो रही है।

क्या बोले मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार मीणा

मनोज कुमार मीणा ने कहा कि कर्नाटक ने अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। सीईओ ने कहा कि चुनाव आयोग और उनका कार्यालय मामलों का बहुत बारीकी से पालन करता है। उच्च दोषसिद्धि दर के बारे में जानकारी देते हुए मीणा ने कहा कि मामलों को सावधानीपूर्वक दर्ज किया गया है और लोगों को उनके संचालन पर प्रशिक्षण दिया जाता है।

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद EC ने की कार्रवाई

आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को 29 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से कुल 292.06 करोड़ रुपये जब्त किए गए, जिसमें 102.9 करोड़ रुपये नकद, 68.69 करोड़ रुपये की शराब और 76 करोड़ रुपये का 149.31 किलोग्राम सोना शामिल है। अभद्र भाषा के बारे में बोलते हुए मीणा ने कहा कि आयोग इस तरह के किसी भी घटनाक्रम को करीब से देख रहा है और उसने ऐसे पांच मामले दर्ज किए हैं। हम टेलीविजन, सोशल मीडिया और यहां तक कि समाचार पत्र भी देख रहे हैं।