लंदन, अगले महीने किंग चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला के राज्याभिषेक के दौरान महारानी कोहिनूर जडि़त ताज नहीं पहनेंगी। औपनिवेशिक युग में प्राप्त कोहिनूर की भारत द्वारा वापसी की मांग के चलते विवाद की स्थिति से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है। यह जानकारी बकिंघम पैलेस की शाही विशेषज्ञ और 'द डेली टेलीग्राफ' की कैमिला टामनी ने दी।
शाही विशेषज्ञ कैमिला टामनी का कहना
पीटीआई समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में शाही विशेषज्ञ कैमिला टामनी ने कहा कि महारानी कैमिला ने राज्याभिषेक के दौरान क्वीन मैरी के ताज को चुना है। उन्होंने कहा कि विवाद की स्थिति से बचने के लिए यह किया गया है। इस महीने की शुरुआत में बकिंघम पैलेस से जानकारी मिली थी कि क्वीन मैरी के क्राउन में मामूली बदलाव किए जा रहे हैं।
ताज में कलिनन तृतीय, चतुर्थ और पंचम हीरे को शामिल किया जा रहा है, ये कई वर्षों से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के व्यक्तिगत आभूषणों के संग्रह का हिस्सा थे। बताया गया था कि क्वीन मैरी के ताज का डिजाइन 1902 की रानी एलक्जेंड्रा के क्राउन से प्रेरित है।
महाराजा रणजीत सिंह के खजाने से कब्जाया था कोहिनूर
ब्रिटिश शासन के दौरान महाराजा रणजीत सिंह के खजाने से कोहिनूर हीरे को हथियाया गया था। 1857 की क्रांति के बाद कोहिनूर जडि़त ताज महारानी विक्टोरिया को पहनाया गया था। इसके बाद से ही राज्याभिषेक के दौरान कोहिनूर जड़ित ताज की महती भूमिका रही है।