उत्तराखंड (Uttarakhand) में गढ़वाल हिमालय में बद्रीनाथ (Badrinath) और केदारनाथ (Kedarnath) की उंची पहाड़ियों पर गुरुवार को ताजा बर्फबारी और निचले इलाकों में रूक—रूक कर बारिश होने से पांच दिन बाद शुरू होने वाली चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) की तैयारियों में बाधा आ रही है.
अधिकारियों ने बताया कि हिमपात, बारिश और सर्द हवाओं के चलते चमोली और रूद्रप्रयाग जिलों में तापमान काफी नीचे आ गया है. चमोली (Chamoli) जिले में स्थित बदरीनाथ 27 अप्रैल को जबकि रूद्रप्रयाग (Rudraprayag) जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खुल रहे हैं. गढ़वाल हिमालय के चारधामों के नाम से विख्यात अन्य दो धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री श्रद्धालुओं के लिए अक्षय तृतीया के पर्व पर 22 अप्रैल को खुल रहे हैं .
पैदल रास्ता बर्फ से ढका
केदारनाथ और उसके आसपास के इलाकों में ताजा हिमपात होने से धाम को जाने वाला पैदल रास्ता फिर बर्फ की चादर से ढ़क गया है. यात्रा व्यवस्थाओं के लिए तैयारियां में जुटे कार्मिक खराब मौसम के कारण सही ढंग से कार्य नहीं कर पा रहे हैं. चारधाम यात्रा शुरू होने से ठीक पहले रास्तों पर बर्फ जमाव ने अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है. रूद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक अधिकारी सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि केदारनाथ धाम में बारिश और भारी बर्फबारी के कारण भैरव हिमनद के समीप रास्ता आवागमन के लिए अवरूद्ध हो गया है.
उन्होंने बताया कि बर्फबारी रूकने पर श्रमिकों द्बारा अवरूद्ध मार्ग से पुनः बर्फ हटाने की कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इस बीच, मौसम खराब होने के कारण उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) का चमोली जिले का प्रस्तावित दौरा रद्द हो गया . जिला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल नैनीसैंण में अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज के प्लेटिनम जुबली समारोह में हिस्सा लेने आने वाले थे लेकिन दौरा रद्द होने के बाद उन्होंने कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से संबोधित किया.