ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो ने अपनी पहली स्थानीय क्राइम डॉक्युमेंट्री की घोषणा की है, जिसका शीर्षक है 'डांसिंग ऑन द ग्रेव'। डॉक्युमेंट्री में नब्बे के दौर में हुई कत्ल की एक ऐसी सनसनीखेज वारदात को दिखाया जाएगा, जिसने पूरे देश को दहला दिया था। यह सिर्फ एक इंसान का कत्ल नहीं था, बल्कि भरोसे और प्यार की बेरहम हत्या थी।

प्राइम वीडियो पर कब होगी स्ट्रीम?

'डांसिंग ऑन द ग्रेव' 21 अप्रैल को प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम की जा रही है। ट्रेलर मंगलवार को जारी कर दिया गया।डॉक्युमेंट्री बेंगलुरु के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली शाकरी खलीली की गुमशुदगी और कत्ल की पड़ताल करती है। डॉक्युमेंट्री का निर्माण इंडिया टुडे ओरिजिनल्स ने किया है। इसका लेखन और निर्देशन पैट्रिक ग्राहम के साथ कनिष्क सिंह देव ने किया है

क्या था शाकरी मर्डर केस?

1992 में शाकरी खलीली की दूसरी बेटी सबा ने बेंगलुरु के अशोक नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवायी थी कि उनकी मां का कई महीनों से कोई अता-पता नहीं है। शाकरी का पति श्रद्धानंद भी कोई सही जानकारी  नहीं देता था। 1994 में कर्नाटक पुलिस ने शाकरी के अपने घर में दफ्न कंकाल बरामद किया। श्रद्धानंद ने कत्ल करने की बात कबूली और फिर पूछताछ में दहलाने वाली जानकारियां सामने आयीं।

शाकरी का कत्ल 28 अप्रैल 1991 को हो गया था। मारने से पहले उन्हें नशा दिया गया था। इसके बाद उन्हें गद्दे में लपेटकर ताबूत जैसे बक्से में बंद कर दिया गया था। फिर इस बॉक्स को दफ्ना दिया गया। जब शाकरी का कंकाल बाहर निकाला गया और गद्दा हटाया गया तो क्रूरता के बारे में सोचकर लोगों की रूह कांप गयी। 

शाकरी का एक हाथ गद्दे को कसकर पकड़े हुए था। ट्रेलर में शम्स ताहिर खान बताते हैं कि ताबूत के अंदर नाखून के हजारों निशान थे, जिससे पता चलता है कि दफ्नाते वक्त वो जिंदा थीं। इस बारे में निर्देशक पैट्रिक कहते हैं कि एक दुखद कहानी को बाहर लाने और तथ्य जुटाने के लिए हमने गहरी रिसर्च की है। उम्मीद है कि डॉक्यु-सीरीज से दर्शकों को अंदर की जानकारी मिलेगी। कत्ल इतनी सफाई से किया गया था कि कोई सबूत नहीं मिला। श्रद्धानंद ने तीन साल तक सच्चाई बाहर नहीं आने दी।

सबके खिलाफ जाकर की श्रद्धानंद से शादी

शाकरी की पहली शादी अकबर मिर्जा खलीली से हुई थी। मुरली मनोहर मिश्रा उर्फ श्रद्धानंद से उनकी मुलाकात 1982 में बेंगलुरु में हुई थी। अकबर मिर्जा खलीली नौकरी के लिए ईरान चले गये थे। लौटने पर शाकरी ने उन्हें तलाक दे दिया था।

तलाक के छह महीने बाद 1986 में श्रद्धानंद से शादी करके शाकरी ने सबको चौंका दिया था। इसके बाद श्रद्धानंद पैसे और प्रॉपर्टी का हिसाब-किताब रखने लगा था। डॉक्युमेंट्री में इसे 'फूलप्रूफ केस ऑफ मर्डर फॉर गेन' कहा गया है।