नई दिल्ली, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने सोमवार को दावा किया कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उनसे कहा है कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से हाथ नहीं मिलाएगी, लेकिन कुछ विधायक दबाव में भले पार्टी बदल सकते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र की विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच के मतभेद की खबरें अब सामने आने लगी हैं।
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शरद पवार और अजित पवार के बीच बढ़ी दूरियां!
एनसीपी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता भतीजे अजित पवार के बीच सत्ता का मूक संघर्ष निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया लगता है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से एनसीपी के इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच दूरियों की अटकलें लगाई जा रही हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा जोरों पर है कि अजित पवार भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं और उन्होंने पार्टी प्रमुख शरद पवार को इस बारे में बता दिया है। हालांकि, अजित पवार ने इस तरह की अटकलों को निराधार बताया है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह से शनिवार रात मुंबई में मुलाकात की खबरों से इनकार किया।
संजय राउत ने कहा - दवाब में कुछ लोग छोड़ सकते हैं एनसीपी का साथ
इस बीच शरद पवार से अपनी मुलाकात का जिक्र करते हुए संजय राउत ने कहा, ''उन्होंने कहा कि जिस तरह सीबीआई, ईडी, आर्थिक अपराध शाखा और पुलिस की मदद से शिवसेना को तोड़ा गया था, उसी तरह अब राकांपा को खंडित करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। धमकियां दी जा रही हैं, लेकिन पूरी पार्टी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी। दबाव में कुछ लोग पार्टी छोड़ सकते हैं। यह उनका निजी फैसला होगा।"
राउत ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में लिखी ये बातें
राउत ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में अपने साप्ताहिक कॉलम 'रोखठोक' में महाराष्ट्र में एक नए राजनीतिक पुनर्गठन की अटकलों के बीच इसी तरह के दावे किए, क्योंकि आने वाले दिनों में 16 शिवसेना विधायकों की अयोग्यता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की उम्मीद है। राउत ने लिखा, "शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से उनकी बैठक (मंगलवार को) के दौरान कहा कि कोई भी दल बदलना नहीं चाहता है। लेकिन, परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। अगर कोई छोड़ने का व्यक्तिगत निर्णय लेता है, तो यह उनका व्यक्तिगत मामला है। लेकिन एक पार्टी के रूप में हम बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे।'' राउत ने आगे कहा, "मौजूदा राज्य सरकार के खिलाफ महाराष्ट्र के लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। भाजपा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति राजनीतिक आत्महत्या करेगा। यही ठाकरे और पवार महसूस करते हैं।"