हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक अध्ययन किया है। इसमें पता चला है कि कुछ सालों से गर्मियों में गर्म हवाएं ज्यादा बढ़ गई हैं, जबकि ठंड के मौसम में ठंडी लहरें कम हो गई हैं।

शोधकर्ताओं ने इसमें 1970 से 2019 तक दैनिक अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान डेटा का इस्तेमाल किया, ताकि अधिक तापमान और कम तापमान वाले दिनों के साथ विभिन्न जलवायु क्षेत्र के दिनों की जांच की जा सके। टीम ने पाया कि असामान्य रूप से उच्च तापमान वाले दिन हर साल गर्मियों के दौरान बढ़ रहे हैं जबकि असामान्य रूप से कम तापमान वाले दिन हर साल सर्दियों के दौरान कम हो रहे हैं। लगातार तीन दिनों या उससे अधिक के लिए असामान्य रूप से उच्च तापमान की घटना को हीट वेव इवेंट के रूप में देखा जाता है। ऐसा पाया कि हीट वेव की घटनाएं हर साल 0.6 घटनाओं की दर से बढ़ रही हैं।

आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले 4 से 5 दिनों में पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम, ओडिशा, केरल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। ये 3-5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।

उत्तर भारत में मार्च के महीने से ही अचानक गर्मी बढ़ी है। मौसम विभाग की ओर से कुछ शहरों में हीट वेव्स को लेकर भी चेतावनी दी गई थी। इसकी वजह से लोगों की तबीयत पर भी असल पड़ा है। खांसी-जुकाम और वायरल के केस इस दौरान ज्यादा देखे जा रहे हैं। इससे पहले आईएमडी की ओर से कहा गया था कि साल 1901 में जब से रिकॉर्ड-कीपिंग शुरू हुआ तब से अब फरवरी को सबसे गर्म दर्ज किया गया है। साथ ही आने वाले दिनों में गर्मी को लेकर संकेत भी दिए गए हैं।