प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। सीजेएम जगन्नाथ ने मत्स्य पालन मंत्री को 10 अगस्त तक गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है।आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी शाहपुर पुलिस को दी गई है।
मामला सात जून 2015 का है। सरकारी नौकरी में निषादों को पांच फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर सहजनवां क्षेत्र के कसरवल में आंदोलन चल रहा था। आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठे थे। इसी बीच विवाद बढ़ा और लाठीचार्ज हो गया। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। आरोप लगा कि पुलिस की गोली से मौत हुई थी। इससे आंदोलन उग्र हो गया। आंदोलनकारी पुलिस से भिड़ गए और उसकी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
इस घटना में 24 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। मामले में तत्कालीन सहजनवां थानाध्यक्ष श्यामलाल ने निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद सहित कई लोगों के खिलाफ बलवा आगजनी, तोड़फोड़ और सेवन सीएलए की धारा में केस दर्ज कराया था।
तहरीर में लिखा था कि भीड़ को भड़काकर बवाल कराया था। मामले में नामजद डॉ. संजय ने 21 दिसंबर 2015 को कोर्ट में सरेंडर किया और जेल भेजे गए थे। 14 जनवरी 2016 को जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए। यह मामला सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन है। अब सीजेएम ने गैर जमानती वारंट जारी करके डॉ. संजय निषाद को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
पहले एमएलसी बने, फिर मंत्री
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद को भाजपा ने पहले एमएलसी बनाया फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी को सहयोगी बना लिया। चुनाव में जीत हुई तो डॉ. संजय को मत्स्य पालन मंत्री बनाया। वह योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
कोर्ट से पुलिस कर्मियों के खिलाफ कराया था मुकदमा
घटना के छह महीने बाद डॉ संजय निषाद ने कोर्ट में सरेंडर किया था। जमानत पर जेल से बाहर आए तो कसरवल कांड से जुड़े मुकदमे दूसरे सर्किल भेज दिए गए। बाद में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कोर्ट से मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में पुलिस कर्मियों को आरोपी बनाया गया था। डॉ. संजय का आरोप था कि सपा सरकार ने जानबूझकर विवाद कराया और निषाद समाज को निशाना बनाया।
कसरवल में आंदोलन के बाद बढ़ा डॉ. संजय का कद
निषाद आरक्षण की मांग और कसरवल में आंदोलन के बाद डॉ संजय निषाद का राजनीतिक कद बढ़ता चला गया। इस मामले को तत्कालीन सपा सरकार ने हल्के में लिया था। इसी का नतीजा रहा कि डॉ संजय निषाद समाज के बीच पैठ बनाने में कामयाब रहे।
खुद एमएलसी, एक बेटा सांसद तो एक विधायक
साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले डॉ संजय ने भाजपा से नाता जोड़ लिया। सबसे पहले अपने बड़े बेटे प्रवीण निषाद को भाजपा के टिकट पर संतकबीरनगर से चुनाव लड़ाया। चुनाव जीतकर प्रवीण सांसद बन गए। साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले खुद एमएलसी बने, फिर छोटे बेटे सरवन निषाद को भाजपा के टिकट से चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरवा दिया। सरवन भी विधायक बन गए। अब संजय का पूरा ध्यान आगामी लोकसभा चुनाव पर है।
कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं है। अधिवक्ता से बात करके जानकारी ली जाएगी। कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा।