नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पिछले करीब एक साल से महंगाई दर ऊपरी स्तर पर बनी हुई है। इस कारण आम आदमी के लिए चीजों को खरीदना पहले के मुकाबले काफी कठिन होता जा रहा है। ताजा सरकारी आंकड़ों की बात करें तो फरवरी में खुदरा महंगाई दर मामूली गिरावट के साथ 6.44 प्रतिशत पर बनी हुई है। नवंबर और दिसंबर को छोड़ दिया जाए तो खुदरा महंगाई आरबीआई के ओर से तय किए गए बैंड 2 से 6 प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है।
पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट - बूंदी
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आज हम अपनी इस रिपोर्ट में बताएंगे कि आखिर क्या वे कारण हैं, जिनकी वजह से महंगाई ऊपरी स्तर पर है आइए जानते हैं।
महंगा कच्चे तेल
दुनिया में महंगाई की बड़ी वजह महंगा कच्चा तेल को माना जा रहा है। कोरोना के कारण मांग कम होने की वजह से कच्चे तेल का उत्पादन कम हो गया था और आपूर्ति श्रृखंला प्रभावित हो गई थी। इस कारण मांग बढ़ने पर कच्चे तेल की कीमत में इजाफा हो गया।
खाद्य वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी
फरवरी में खुदरा महंगाई दर ऊपरी स्तर पर रहने के पीछे सबसे बड़ा कारण खाद्य वस्तुओं की कीमत में इजाफा होना था। फरवरी में खाद्य बास्केट की महंगाई दर 5.95 फीसदी थी।
जिंसों की कीमत में इजाफा
भारत के साथ दुनिया में महंगाई दर अधिक होने का बड़ा कारण जिंसों यानी कमोडिटी के दामों इजाफा होना है। कोरोना के कारण आपूर्ति श्रृखंला प्रभावित की वजह से कच्चे तेल के साथ कई अन्य जिंसों के दाम ऊपर स्तर पर पहुंच गए हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध
रूस दुनिया में कच्चे के साथ खाद्य वस्तुओं का बड़ा निर्यातक माना जाता है। वहीं, यूक्रेन को खाद्य वस्तुओं और मेटल का बड़ा निर्यातक देश माना जाता है। ऐसे में दोनों देशों के युद्ध में जाने के कारण बड़ी संख्या में इन देशों से होने वाली चीजों का निर्यात रूक गया है।