समाजवादी पार्टी वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले हो रहे नगरीय निकाय चुनाव के जरिए बड़े शहरों में भी पैठ बनाएगी। निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर सपा लोक सभा चुनाव के लिए माहौल तैयार करेगी। इसलिए सपा अध्यक्ष अखिलेश कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं। शहरों में बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत कर लोक सभा चुनाव के लिए सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं।
वर्ष 2017 में नगर निगमों के मेयर पद पर खाता न खोल पाने वाली सपा इस बार मेयर पद के लिए भी मेहनत कर रही है। प्रत्येक नगर निगम के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया गया है। सपा नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में अपने पिछले प्रदर्शन से और बेहतर करने की रणनीति बना रही है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि निकाय चुनाव में अच्छे प्रदर्शन से कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और इसका असर लोक सभा चुनाव में भी पड़ेगा।
निकाय चुनाव को सेमीफाइनल मानते हुए पार्टी इसके जरिए शहरों में भी अपना संगठन मजबूती से खड़ा कर लेगी। वर्ष 2017 में 16 नगर निगमों के चुनाव हुए थे। उसमें मेयर के 14 पदों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि दो सीटें बसपा के खाते में गईं थीं।
सपा भाजपा के इस दबदबे को कम करने की कोशिश करेगी। आक्रामक तरीके से प्रदेश सरकार को घेरने के साथ ही उसकी नाकामियां जनता के सामने रखेगी। जनता की स्थानीय समस्याओं व उनकी तकलीफों को पार्टी प्रमुखता से उठाएगी। परंपरागत मुस्लिम-यादव समीकरण में दलितों को जोड़ने की कोशिश कर रही है।