उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की नृशंस हत्या की तफ्तीश में जुटी पुलिस को नई जानकारी हाथ लगी है। पता चला है कि अतीक के परिवार और शूटरों के लिए आइफोन कटरा स्थित एक दुकान से खरीदे गए थे। पुलिस और एसटीएफ की टीम ने एक कारोबारी के बेटे को उठाकर पूछताछ की, जिसके बाद आइफोन के बारे में पता चला
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
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वहीं, जिस दुकान से 16 आइफोन खरीदे जाने की बात कही जा रही है, उसका दुकानदार भागा हुआ है। दुकान में ताला लटक रहा है। पुलिस टीम दुकानदार की तलाश कर रही है और उससे पूछताछ में पूरी कहानी साफ होने की बात कही जा रही है। बताया गया है कि पुलिस और एसटीएफ की जांच में यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि उमेश पाल की हत्या से पहले आइफोन का इंतजाम किया गया था। इसके बाद क्लाउड आइडी बनाई गई थी।
जेल में बंद माफिया अतीक और अशरफ अपने गुर्गों से आइफोन के फेसटाइम एप के माध्यम से बातचीत करते थे। लखनऊ, चकिया और एक आरोपित के पास से अब तक तीन आइफोन मिल चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि पुलिस और एसटीएफ की टीम ने जब आइफोन और मोबाइल सिम को लेकर छानबीन को आगे बढ़ाया तो सुराग मिला। तब प्रतिष्ठित कारोबारी के बेटे सहित दो युवकों को पूछताछ के लिए उठा लिया गया।
तफ्तीश में पता चला कि शूटर गुलाम ने जनवरी माह में कटरा स्थित एक दुकान से महंगा फोन खरीदा था। उनके बीच बातचीत होने के बाद नजदीकियां बढ़ गई थी। इसके बाद दुकानदार से अपडेट वर्जन वाले आइफोन की डिमांड की गई थी। कुछ दिनों बाद दुकान से 16 आइफोन लिए गए थे। हालांकि मोबाइल सिम को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है