बीते माह गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के एक निजी चैनल को इंटरव्यू दिए जाने के मामले में गठित की गई स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) में फेरबदल कर दिया गया है। अब एसआइटी की कमान स्पेशल डीजीपी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) कुलदीप सिंह को सौंपी गई है। जिस में एडीजीपी जेल को शामिल किया गया है। नई गठित की गई कमेटी आगामी 15 दिनों में अपनी जांच सौंपेगी
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआइटी में एजीटीएफ को शामिल किया गया
बता दें कि इस मामले में पहले भी एक कमेटी का गठन किया गया था। पहले बनी एसआईटी सदस्यों में एसपी इंवेस्टिगेशन मानसा धर्मवीर सिंह, डीएसपी इंवेस्टीगेशन बठिंडा विश्वजीत सिंह और इंचार्ज सीआईए मानसा प्रिथीपाल सिंह शामिल थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआइटी में एजीटीएफ को शामिल किया गया है।
सुखबीर बादल ने सीएम से की इस्तीफे की मांग
ध्यान रहे कि पंजाब के जेल अधिकारी यह तर्क दे रहे हैं कि यह इंटरव्यू राज्य से बाहर लिया गया है। क्योंकि बठिंडा जेल परिसर में उच्च स्तर की सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही जैमर लगे हैं, जो मोबाइल फोन कॉल को रोक देते हैं। लेकिन बिश्नोई ने दावा किया था कि इंटरव्यू वह जेल से ही दे रहा है। लारेंस के इंटरव्यू के बाद इस मुद्दे पर राजनीति गरमा गई थी। शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस्तीफे की मांग की है।
सिद्धू मूसेवाला के पिता भी लगातार उठा रहे सवाल
वहीं, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद खन्ना ने कहा है कि पंजाब सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि जेल तक मोबाइल फोन कैसे पहुंचा। इंटरव्यू में लारेंस बिश्नोई ने कहा था कि सिद्धू मूसेवाला का कत्ल दो साल पहले मोहाली में युवा अकाली नेता विक्की मिड्डूखेडा की हत्या का बदला था। बिश्नोई ने कहा था कि सलमान खान उनके समाज का गुनहगार है इसलिए उसको भी मार डालेगा। सलमान को सिर्फ एक शर्त पर माफ किया जा सकता है अगर वह बिश्नोई समाज से माफी मांगें। इस इंटरव्यू को लेकर सिद्धू मूसेवाला के पिता भी लगातार सवाल उठा रहे है। ध्यान रहे कि बीते साल मई में सिद्धू मूसेवाला का कत्ल कर दिया गया था