नई दिल्ली, "बीजेपी यूट्यूब चैनलों और ट्विटर हैंडल से पैदा नहीं हुई है, बीजेपी जमीन पर काम करके, गरीबों के साथ तपकर आगे बढ़ी है।" देश के प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने यूं ही इस बात का जिक्र नहीं किया।

6 अप्रैल 1980 में भारतीय राजनीति के अस्तित्व में आई भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज के समय देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। वहीं, प्राथमिक सदस्यता के मामले में यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दल है। कभी दो सीटों पर सिमटने वाली पार्टी साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर जीत हासिल की है।

'अटल और आडवाणी' ने बदली तस्वीर

इसके बाद जनता पार्टी में मौजूद संघ के नेताओं का मानना था कि अब नए राजनीतिक दल बनाने की जरूरत है। इसके बाद योजना के तहत 6 अप्रैल 1980 के दिन मुंबई में एक नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना हुई। पार्टी का नाम रखा गया 'भारतीय जनता पार्टी।' बता दें कि इसी दिन साल 1930 में महात्मा गांधी ने डांडी यात्रा के बाद नमक बनाकर नमक कानून तोड़ा था। उस समय 'अटल और आडवाणी' भारतीय जनता में दो बड़े चेहरे बनकर उभरे।

साल 1984 में देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हुई और उसी साल आम चुनाव कराए गए, जिसमें बीजेपी को सिर्फ 2 सीटें हासिल हुई। इसके बाद साल 1986 में लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राम जन्मभूमि आंदोलन की आवाज बुलंद की। पार्टी में एक ओर जहां लालकृष्ण आडवाणी जैसे हिंदू राष्ट्रवाद नेता मौजूद थे, जो हिंदू धर्म को लेकर काफी मुखर थे। वहीं, अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसा नेता थे, जो गांधीवादी समाजवाद पर भरोसा रखते थे और वो काफी नरम मिजाज के माने जाते थे।

'मोदी-शाह' की जोड़ी ने किया कमाल

इसी दौर में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का 'गुजरात मॉडल' पूरे देश में जोर-शोर से सुनाई देने रहा था। गुजरात की राजनीति से निकलकर नरेन्द्र मोदी,  केन्द्र की राजनीति में आ गए। साल 2014 में भाजपा ने नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा।

वहीं, नरेन्द्र मोदी 'अच्छे दिन' का नारा देकर देशवासियों को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का वादा किया। यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार और देश में बढ़ती महंगाई से परेशान जनता ने नरेन्द्र मोदी पर भरोसा जताया और भाजपा को दिल खोलकर वोट दिए।

282 सीटों के साथ पहली बार पार्टी केन्द्र में अपने दम पर सरकार बनाने के लिए तैयार थी। इस जीत के पीछे गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति भी थी। अगले पांच सालों में भाजपा और ताकतवार होकर ऊभरी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी 303 सीटें हासिल करने में कामयाब हुई।