हरियाणा में कांग्रेस की निगाह दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों पर है। इस वर्ग को साधने के लिए पार्टी ने महत्वपूर्ण कदम भी उठाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर दलित नेता के रूप में विधायक चौधरी उदयभान की नियुक्ति के बाद पार्टी ने अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद पर पूर्व सांसद डा. सुशील इंदौरा को जिम्मेदारी सौंपी है।
सुशील इंदौरा सिरसा से दो बार सांसद तथा ऐलनाबाद से एक बार विधायक रह चुके हैं। सुशील इंदौरा कभी पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के राजनीतिक परिवार के करीबी हुआ करते थे, लेकिन अब वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी हैं। डा. सुशील इंदौरा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद हैं।
हरियाणा में कांग्रेस का संगठन भले ही अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी ने दलित व पिछड़ों का भरोसा जीतने के लिए अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का गठन पहले कर लिया है।
कांग्रेस की है ये रणनीति
कांग्रेस की सोच यह है कि पार्टी नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते भले ही संगठन के गठन में देरी हो जाए, लेकिन दलितों व पिछ़डों का भरोसा जीतने के लिए पार्टी को एक सोची समझी रणनीति के तहत आगे बढ़ना होगा। हरियाणा के पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जबकि करनाल जिले के रहने वाले डा. रमेश सैनी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है।
दलित और पिछड़े इलाकों का दौरा करेंगे दीपेंद्र हुड्डा
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा जल्द ही दलित व पिछड़ा बाहुल्य इलाकों में सुशील इंदौरा व रमेश सैनी के साथ जनसभाएं करने वाले हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने यमुनानगर में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम के बाद जींद जिले के नारनौंद के सिसाय में बड़ा शक्ति प्रदर्शन कर राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा भिवानी जिले के उन गांवों में भी जनसभाएं करेंगे, जिनमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तीन दिन बिताए हैं। धनाना गांव से मंगलवार को इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। भिवानी जिले के बाद 14 अप्रैल को दीपेंद्र हुड्डा अपने पिता भूपेंद्र हुड्डा के साथ सोनीपत में पर्दाफाश रैली करेंगे, जिसे संविधान बचाओ दिवस के रूप में लेकर चला जा रहा है।