नई दिल्ली। कांग्रेस ने अरूणाचल प्रदेश के 11 स्थानों का नाम अपने हिसाब से बदलने के चीन के दुस्साहस का ठीकरा केंद्र सरकार के सिर फोड़ा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि गलवान की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चीन को क्लीन चिट देने और उसकी हरकतों पर जारी चुप्पी के कारण चीन बार-बार इस तरह की हिमाकत का प्रयास कर रहा है।
खरगे ने किया ट्वीट
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नाम बदलने की चीन की ताजा हरकत पर ट्वीट करते हुए कहा कि चीन ने तीसरी बार अरुणाचल में हमारे इलाकों के नाम बदलने का दुस्साहस किया है। इससे पूर्व 21 अप्रैल 2017 को छह जगहों और 30 दिसंबर 2021 को 15 जगहों के नाम उसने नाम बदले थे।
जयराम रमेश ने सरकार पर उठाए सवाल
चीन के इस कृत्य को खारिज करते हुए खरगे ने कहा, ''अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। गलवान के बाद, मोदी जी द्वारा चीन को क्लीन चिट देने का नतीजा, देश भुगत रहा है।'' पार्टी के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कांग्रेस की ओर से इसके बाद आधिकारिक बयान जारी कर केंद्र सरकार की चीन को लेकर अपनायी जा रही कूटनीति पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि हाल ही में चीन के एक शीर्ष राजनयिक ने दावा किया था कि भारत-चीन सीमा पर हालत अब स्थिर है, लेकिन इसके उलट चीन की तरफ से उकसावे और अतिक्रमण जारी हैं। तीसरी बार अरुणाचल में हमारे इलाकों के चीनी नामों की सूची जारी करना इसका ताजा उदाहरण है।
जयराम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''हमें 2020 के जून महीने में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चीन को दी गई क्लीन चिट और चीनी कार्रवाइयों पर उनकी चुप्पी की क़ीमत चुकानी पड़ रही है। लगभग तीन साल बाद भी चीनी सेना हमारे गश्ती दल को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण डेपसांग मैदानों तक पहुंचने से रोक रही है जहां पहले हमारे जवान बिना किसी रोक-टोक के पेट्रोलिंग करते थे। अब अरुणाचल प्रदेश में पहले की स्थिति को बदलने का चीन की ओर से प्रयास किया जा रहा है।''
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग- कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न और अटूट अंग रहा है और रहेगा। अरुणाचल प्रदेश के लोग भारत के गौरवशाली और देशभक्त नागरिक हैं। इस बारे में भारत और उसके सभी नागरिकों के सामूहिक संकल्प पर कोई भी संदेह नहीं होना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जमीन पर इन वास्तविकताओं को किसी भी प्रकार से ठेस न पहुंचे।