रेल यात्रियों की सुरक्षा में लगी रेल पुलिस ही यात्रियों की अटैची और अन्य सामान पर हाथ साफ कर रही है। जसीडीह-लखीसराय रेलखंड पर एक नहीं, ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें रेल पुलिस दोषी पाई गई है। मधुपुर-आनंद विहार (हमसफर) एक्सप्रेस में हुई लूट की हालिया घटना में पकड़ाए जीआरपी के चारों जवान इसका ताजा उदाहरण हैं। पकड़ाए जवानों ने रेल पुलिस के अधिकारी के समक्ष कई खुलासे किए
जीआरपी सिपाही और अपराधियों की सांठ-गांठ
हालांकि, इस मामले में रेल पुलिस के अधिकारी कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं। इस लूटकांड में चार जवानों के अलावा चार अन्य अपराधी शामिल हैं। इनमें एक महिला भी है। ये सभी गिरोह बनाकर पैसा ठगी एवं लूटने का कार्य करते हैं। मामले में किऊल थाना के दीपक कुमार व मु. एजाज हुसैन, बड़हिया थाना के पिंटू कुमार, झाझा थाना के चंदन कुमार के अलावा लखीसराय के लाली पहाड़ी के सुकुल साव एवं मुकेश ठाकुर, धर्मराम चौक के तनिक वर्मा के अलावा एक सारा मैडम को आरोपित बनाया गया है।
रेल थानाध्यक्ष अनिल कुमार के अनुसार पकड़े गए जवानों के पास से 20 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे से जानकारी मिली है कि लूट के बाद चारों जवान अपने दो सहयोगियों के साथ ई-रिक्शा से बरमसिया गांव पहुंचे थे। रेल पुलिस ने बताया कि घटना की सूचना पर सीसीटीवी कैमरा खंगालने के बाद जिस ई-रिक्शा पर ये सभी चढ़े, उसके चालक से पूछताछ की गई। चालक ने बताया कि छह व्यक्ति ट्रॉली बैग के साथ बरमसिया चौक पर उतरे और 200 रुपये भाड़ा दिया। बरमसिया चौक से जवानों ने एक प्राइवेट गाड़ी की खोज की। गाड़ी नहीं मिलने पर सभी जवान बाजार की ओर चले गए।