नई दिल्ली, Medical Colleges India: भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या वर्ष 2014 के बाद से लगभग दोगुनी हो गई है। बता दें कि इससे देश में मेडिकल एजुकेशन को बढ़ावा मिला है। केंद्र सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मोदी सरकार के आठ वर्षों के कार्यकाल में मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है।
वर्ष 2014 से 2023 के बीच मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ी
बता दें कि वर्ष 2014 से 2023 के बीच देश के मेडिकल कॉलेजों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है। 2014 में देश में जहां 387 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं अब ये बढ़कर 2023 में 660 हो गए है। वहीं, वर्ष 2014 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की संख्या देश में कुल सात थी, जो आज बढ़कर 22 हो गई है।
आठ सालों में पोस्ट-ग्रेजुएट सीटों की संख्या में वृद्धि
पिछले आठ सालों में मेडिकल एजुकेशन में पोस्ट-ग्रेजुएट सीटों की संख्या में वृद्धि हुई है। देश में आज कुल 65,335 पीजी मेडिकल सीटें हैं जो 2014 की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा हैं। 2014 में भारत में 31,185 पीजी मेडिकल सीटें थीं। इसी तरह एमबीबीएस (MBBS) सीटों की संख्या 2014 के 51,348 से बढ़ाकर आज 1,01,043 कर दी गई।
गोरखपुर एम्स में विदेश से बुलाए जाएंगे शिक्षक
इस वर्ष जुलाई से पोस्ट-ग्रेजुएट (PG)की पढ़ाई शुरू हो जाएगी, जिसको देखते हुए छात्रों को पढ़ाने के लिए विदेश से शिक्षकों को बुलाया जाएगा। इसकी जानकारी गोरखपुर एम्स के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा ने दिया है। बता दें कि विदेश के अनेक देशों में शिक्षकों को छह साल के बाद एक साल का अवकाश दिया जाता है। जिसको देखते हुए इन सभी शिक्षकों से अनुरोध किया जाएगा कि उस अवकाश का उपयोग यहां एम्स में छात्रों का भविष्य संवारने में करें।
दीपक वर्मा ने कहा कि पीजी की 16 सीटों की अनुमति मिली हैं, इसे और बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। अगर इतनी सीट भी रही तो हर साल एम्स को 16 रेजिडेंट डाक्टर मिलेंगे, इससे उपचार व्यवस्था मजबूत होगी।