नई दिल्ली, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने एक मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई। हालांकि, इस मामले में राहुल गांधी को तुरंत ही जमानत मिल गई। राहुल गांधी को फौरी राहत मिली ही थी कि उन्हें बड़ा झटका लगा और लोकसभा सचिवालय ने उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी।
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लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी सांसद से पूर्व सांसद हो गए। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि इससे पहले कौन-कौन सांसद थे, जिनकी अलग-अलग कारणों के चलते संसद सदस्यता छिन गई। हालांकि, राहुल गांधी से पहले चर्चित मामला समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का रहा, जिनकी विधायकी रद्द हुई थी।
लालू प्रसाद यादव
सितंबर 2013 में चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की लोकसभा सदस्यता छिन गई थी। उस वक्त वह बिहार के सारण से सांसद थे। दरअसल, जुलाई 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि सांसदों और विधायकों के दोषी पाए जाने पर उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर सबसे पहले लालू प्रसाद यादव के मामले में दिखाई दिया। हालांकि, तत्कालीन मनमोहन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्क्रिय करने के लिए अध्यादेश लाया था, लेकिन राहुल गांधी के विरोध के बाद अक्टूबर में अध्यादेश को वापस ले लिया गया।
जे जयललिता
एआईएडीएमके प्रमुख जे जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद सितंबर 2014 में तमिलनाडु विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उस वक्त वह तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
पीपी मोहम्मद फैजल
लक्षद्वीप से सांसद पीपी मोहम्मद फैसल को एक मामले में कोर्ट ने 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी। हालांकि, बाद में केरल हाई कोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया था। सांसद के अनुसार, लोकसभा सचिवालय ने अभी तक उनकी अयोग्यता को रद्द करने वाली अधिसूचना जारी नहीं की है।
कुलदीप सिंह सेंगर
कुलदीप सिंह सेंगर को फरवरी 2020 में दुष्कर्म के एक मामले में दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उन्नाव के बांगरमऊ से चुने गए कुलदीप सिंह सेंगर को भाजपा ने पहले ही पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
आजम खान
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से विधायक रहे आजम खान को अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, क्योंकि एक अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी।
अनिल कुमार साहनी
राजद विधायक अनिल कुमार साहनी को धोखाधड़ी के एक मामले में तीन साल की सजा हुई थी। जिसके बाद अक्टूबर 2022 में उन्हें बिहार विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया। उन्होंने कुरहानी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
विक्रम सिंह सैनी
भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के एक मामले में दो साल की सजा हुई। जिसके बाद अक्टूबर 2022 में उनकी विधायकी छिन गई। दरअसल, विक्रम सिंह सैनी मुजफ्फरनगर के खतौली से विधायक थे।
प्रदीप चौधरी
कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को जनवरी 2021 में कोर्ट ने मारपीट के एक मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद हरियाणा विधानसभा से उन्हें अयोग्य ठहराया गया। वह कालका से विधायक थे।
उल्लेखनीय है कि गुजरात की सूरत कोर्ट ने 'मोदी' सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में दायर मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल कैद की सजा सुनाई थी। इसी मामले के चलते राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता छिन गई और वायनाड की लोकसभा सीट खाली हो गई।