नई दिल्ली, चार साल पुराने मानहानि के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गुजरात की सूरत जिला अदालत ने सजा सुना दी है। सूरत कोर्ट ने राहुल को दोषी करार देते हुए उन्हें दो साल की सजा सुनाई। हालांकि, अदालत से उन्हें जमानत भी मिल गई है। अदालत ने राहुल को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया था। राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद की सदस्यता पर तलवार लटक रही है। आपको बताते हैं कि राहुल गांधी के पास अब क्या विकल्प हैं, लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है।
क्या है मामला?
ये मामला मोदी सरनेम पर की गई विवादित टिप्पणी का है। दरअसल, 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान कहा था, "नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम एक ही क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?" राहुल की इस टिप्पणी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ। बीजेपी नेता का कहना था कि राहुल गांधी ने इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया।
जाएगी राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता?
राहुल गांधी को अगर दो साल से ज्यादा की सजा होती, तो उनकी संसद सदस्यता पर खतरा मंडरा सकता था। केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद राहुल गांधी को अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है। ऐसे में उनकी संसद की सदस्यता बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक, अगर विधायकों या सांसदों को किसी भी मामले में दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उनकी संसद या विधानसभा की सदस्यता छिन जाएगी।
राहुल गांधी के पास क्या विकल्प हैं?
सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत देते हुए 30 दिन के लिए सजा को सस्पेंड कर दिया है। यानी कोर्ट से उन्हें ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करने का वक्त मिल गया है। राहुल सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें 30 दिन के भीतर ही अदालत में याचिका दाखिल करनी होगी।