शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की कस्टडी 14 दिन बढ़ा दी है। अब उन्हें 5 अप्रैल तक कस्टडी में रहना होगा। 5 दिन की ED की रिमांड खत्म होने के बाद बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सिसोदिया को पेश किया गया। इसके अलावा सिसोदिया ने जेल में पढ़ने के लिए किताबों के लिए एप्लिकेशन दी। इस पर कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया को किताबें दे दी जाएंगी।

दरअसल, CBI और ED दोनों ही शराब नीति केस की जांच कर रही हैं। सिसोदिया को ED ने 9 मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। मनीष 17 से 22 मार्च तक ED की रिमांड पर हैं। 23 मार्च से 3 अप्रैल तक उनकी कस्टडी CBI के पास रहेगी।

सिसोदिया के मोबाइल से मिले डेटा का एनालिसिस कर रही ED
ED ने कोर्ट में शुक्रवार को कहा था कि LG ने जब इस मामले की शिकायत की तो सिसोदिया ने अपना फोन बदल दिया था, लेकिन एजेंसी ने उनके मोबाइल डेटा को फिर से निकाल लिया है। अब एजेंसी उनके ईमेल और मोबाइल फोन से निकाले गए डेटा का एनालिसिस कर रही है। अभी हमें सिसोदिया से और सवाल पूछने हैं।

ED के वकील जोहैब हुसैन ने कहा था कि सिसोदिया के असिस्टेंट विजय नायर इस पूरी साजिश को कोऑर्डिनेट कर रहे थे। इस घोटाले में सरकारी तंत्र, बिचौलिये और कई अन्य लोग शामिल हैं। ये साजिश नायर, सिसोदिया, तेलंगाना के चीफ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता और कई दूसरे लोगों ने मिलकर रची। इस मामले में 219 करोड़ रुपए के मनी ट्रेल का पता चला है।

सिसोदिया के वकील ने कहा- ED अब CBI की प्रॉक्सी बन गई है
वहीं, सिसोदिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि ED ने पूर्व डिप्टी CM के खिलाफ किसी क्राइम का जिक्र नहीं किया है। एजेंसी को बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हुआ? यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ। कन्फ्रंट कराने के लिए हिरासत की जरूरत नहीं होती।

जब CBI मामले में पूछताछ कर चुकी है तो ED को पूछताछ करने की क्या जरूरत है? ED अब CBI की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है।

उधर, सिसोदिया ने कोर्ट को बताया कि एजेंसी ने पिछले 7 दिनों की कस्टडी में उनसे रोजाना महज आधा से एक घंटा ही पूछताछ की है। सिर्फ गुरुवार को उनसे देर रात तक पूछताछ हुई थी।