गुजरात राज्य में जनसंख्या के आधार पर अल्पसंख्यकों को हिस्सेदारी देनी होगी।
राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति सरकार का भेदभाव पूर्ण रवैया
माइनॉरिटी को-ओर्डिनशन कमेटी (MCC) गुजरात द्वारा राज्य स्तरीय भागीदारी सम्मेलन और लघुमती रत्न अवार्ड 2022 समारोह का आयोजन अहमदाबाद में किया गया| सम्मेलन में राज्य के लघुमती समुदाय के साथ हो रहे अन्याय के बारे में गंभीर चर्चा की गयी|
MCC कंविनर मुजाहिद नफ़ीस ने बताया के 2009-10 में भारत के मुस्लिम पुरुष (ग्रामीण) की बेरोज़गारी दर 1.9% थी जो 2017-18 में बढ़कर 6.7% हो गयी वहीं मुस्लिम पुरुष (शहरी) की बेरोज़गारी दर 2.5% थी जो 2017-18 में बढ़कर 7.5% हो गयी| गुजरात में मुस्लिम समुदाय की लड़कियां क्लास 1-5 में 10.58% ड्रॉप आउट हो जा रही हैं परंतु सरकार इसको रोकने के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठा रही है| राज्य में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नहीं जिससे 11.5% आबादी के विकास के काम में अड़चन आ रही है|राज्य में लघुमती आयोग नहीं होने से अल्पसंख्यक समुदाय के साथ हो रहे भेदभाव की शिकायतें को सूने का कोई सिस्टम नहीं है| अल्पसंख्यक बहुल विस्तारों में 12 क्लास तक की सरकारी स्कूल खुलने से ड्रॉप आउट की दर को कम किया जा सकता है| जिससे ये पिछड़ा हुआ समाज भी राज्य और देश के विकास में सक्रिय योगदान दे सके|
राज्य में 11.5% आबादी होने के बावजूद मात्र 3 मुस्लिम विधायक हैं, राज्य की नौकरियों में मात्र 4% की भागीदारी है, इसके पीछे हमरे समाज की राजनीतिक क्षेत्र के प्रति उदासीनता मुख्य कारण है| MCC गुजरात के 65 विधानसभा क्षेत्रों में जहां अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी अधिक है में समाज के लोगों के बीच जागृति अभियान चलाएगी व लोकतन्त्र में चुनाव के उम्मीदवारों के समक्ष समाज की भागीदारी के प्रश्नो को मज़बूती से उठाएगी|
गुजरात में अल्पसंख्यक समुदाय को वो अधिकार भी नहीं मिल रहे हैं जो दूसरे राज्यों में दिये जा रहे हैं|
मुजाहिद नफ़ीस ने माइनॉरिटी को-ओर्डिनशन कमेटी (MCC) की 10 मांगों को बताया
1- राज्य में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की स्थापना की जाये|
2- राज्य के बजट में अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए ठोस आबंटन किया जाये|
3- राज्य में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया जाये व इसको संवेधानिक मजबूती का विधेयक विधानसभा में पास किया जाये|
4- राज्य के अल्पसंख्यक बहुल विस्तारों में कक्षा 12 तक के सरकारी स्कूल खोले जाएँ|
5- मदरसा डिग्री को गुजरात बोर्ड के समकक्ष मान्यता दी जाये|
6- अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाये|
7- सांप्रदायिक हिंसा से विस्थापित हुए लोगों के पुनर्स्थापन के लिए सरकार नीति बनाये|
8- प्रधानमंत्री के नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम का सम्पूर्ण रूप से अमलीकरण किया जाये|
9- The Minorities (Prevention Of Atrocities) Act बनाया जाये|
10- मोबलिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर क़ानून बनाया जाये|
सम्मेलन का प्रारम्भ विजय प्रताप जी द्वारा वर्तमान समय में अल्पसंख्यकों के अधिकार और घटनाक्रम पर बात रखी|
संचालन करते हुए उस्मान गनी शेरसिया ने कहा कि आज सबसे अधिक ज़रूरत रक्षण और शिक्षण के क्षेत्र में काम करने की है, जिस तरह से मुस्लिमों के ऊपर हमले हो रहे हैं पर विशेष चिंता करने की ज़रूरत है| अपने मुद्दों को हल कराने के लिए सड़क पर आना पड़ेगा|
महबूब रहमान कादरी (अमरेली) को प्रथम राज्य लघुमती रत्न अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया, उन्होने अपने वक्तव्य में कहा कि आज हम सबको अपने समाज के लिए आगे आना पड़ेगा|
सम्मेलन में राज्य के अलग-अलग विस्तारों में समाज के लिए काम कर रहे 10 समाजसेवियों को सम्मान पत्र और शाल ओढा कर सम्मानित किया गया| जो निम्न हैं
सरफराज हुसैन सिंधी, आयशाबेन राभाभाई पटेल, शेख़ सालींभाई अल्लारखा, फारूक इब्राहिम मलेक (पेराडाइज़), शेख़ मोहम्मद तौसीफ़ रहीम मियां, वली नसीम भाई, रिजवान खान पठान, मोहम्म्द हुसैन शेख़ (जॉनी भाई), सय्यद डॉ निज़ामुद्दीन क़ाज़ी, बशीर वली पटेल|
आबिद भाई छुआरा ने कहा कि इस काम में हमेशा आगे रहूँगा और अपनी मांगों को पूरा करने के लिए तन माँ धन से सहयोग करूंगा|
साबरकांठा से हूरा बेन दानी ने मुस्लिम महिलाओं कि समस्याओं को विस्तार से बताया, वहीं भावनगर से तौफीक शेख़, गीर सोमनाथ से फ़रूक भाई, गोधरा से इशाक भाई, नासिर हुसैन मंसूरी, बनासकांठा से साजिद मकराणी, कच्छ से सलीम समा व अन्य ज़िलों से आए मेहमानों ने भागीदारी के ऊपर अपना वक्तव्य दिया|
मुफ़्ती असजद कासमी अध्यक्ष मदनी फ़ाउंडेशन अहमदाबाद की विशेष मौजूदगी में MCC टीम का सम्मान किया गया| सम्मेलन में जमीला आपा, राजू भाई अरब, नफ़ीसा अंसारी, निसार भाई चनावाला, आशिक भाई, वहाब अंसारी जिसे मेहमानों ने अपना वक्तव्य दिया| इसके साथ सम्मेलन का समापन हुआ|