पन्ना-मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में पन्ना टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले पिपरटोला, सूरजपुरा गांव के लोगों को 20 वर्ष पहले विस्थापित कर अलग अलग जगहों पर बसाया गया था।लेकिन प्रशासनिक लापरवाही की बजह से विस्थापित हुए अदिवाशियों को आजतक भूअधिकार नही मिला।जिसकी वजह उन्हें सरकार की मूलभूत योजनाओं का लाभ नही मिल रहा है।जिसके बाद आज शुक्रवार को सैकड़ो आदिवासियों ने एकजुट होकर पन्ना कलेक्टर को ज्ञापन दिया और भूअधिकार के तहत पट्टा दिलवाए जाने की मांग की।

जानकारी के अनुसार पन्ना जिले पिपरटोला,सूरजपुरा गांव पन्ना टाइगर रिजर्व के अंतर्गत केन नदी के किनारे बसे थे।जो अधिकतर आदिवासी बाहुल्य गांव थे।लेकिन पीटीआर के अंदर होने की बजह से इन गांवों के 165 परिवारों का विस्थापन वर्ष 2002 में स्वीकृत भारत सरकार के द्वारा किया गया था। 1 लाख रुपए नगद राशि के साथ 2 हेक्टेयर भूमि प्रति परिवार को देने का प्रावधान था।इन सभी परिवारों को सरकार की विस्थापन नीति और नियमो के आधार पर वर्ष 2007 में पन्ना जनपद के पुखरा गांव में बसा दिया गया।जमीन आवंटित कर दी गई।लेकिन उन्हें आजतक भूअधिकार के तहत पट्टे नही मिल सके