मांगे न जाने के विरोध में बिजली इंजिनियर हर हाल में हड़ताल करेंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति गुरुवार की रात 10 बजे से हड़ताल शुरू करेगी। इससे पहले बुधवार को संघर्ष समिति ने पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार किया। हड़ताल को नैशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज ऐंड इंजिनियर्स(एनसीसीओईईई) ने समर्थन दिया है। उधर, ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने एक बार फिर बिजली कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने की अपील की है। साथ ही उन्होंने आरोपों को भी नकारा है, जिसमें संघर्ष समिति द्वारा कहा गया है कि समझौते के वादों को पूरा नहीं किया गया।
ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा
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संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली कर्मियों का उद्देश्य हड़ताल नहीं है। हड़ताल उन पर थोपी जा रही है। समिति ने इस पूरे मामले में सीएम योगी से हस्तक्षेप की अपील की है। समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि 3 दिसंबर, 2022 को हुए लिखित समझौते में ऊर्जा मंत्री की ओर से 15 दिन का समय मांगा गया था। अब 112 दिन बीत जाने के बाद भी समझौते के प्रमुख बिंदुओं पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने संघर्ष समिति से हड़ताल वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि संगठनों द्वारा रोजाना नए-नए मुद्दे उठाना विभाग और कर्मचारियों के हित में नहीं है। मंत्री ने कहा कि कर्मचारी विरोध, हड़ताल और कार्य बहिष्कार का रास्ता छोड़कर प्रदेश सरकार के कार्यों में सहयोग करें, जिससे प्रदेश के विकास में तेजी लाई जा सके। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दिसंबर, 2022 में विद्युत संगठनों के साथ किए गए समझौते पर काफी कुछ काम किया जा चुका है। इसमें से कार्मिकों की एसीपी के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन शासन स्तर पर किया जा चुका है। इसी प्रकार कैशलेस उपचार के लिए शासन की नीति के समान व्यवस्था करने के लिए अनुमोदन दे दिया गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ आगे की प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है। विद्युत निगम के घाटे में होने के बावजूद सभी कर्मचारियों को एक वर्ष का बोनस दे दिया गया है। शर्मा ने कहा कि कुछ गिने-चुने विद्युत संगठनों द्वारा हड़ताल व कार्य बहिष्कार की बात करना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। ऐसा काम न तो जनता और न ही प्रदेश के।