रिपोर्टर कमला कान्त मिश्रा

 

पन्ना के जुगल किशोर जी मंदिर में होली पर्व:भगवान जुगल किशोर सरकार ने धारण किया सखी का वेष, 'मुरली मुकुट छीन पहनाय दियो घाघरा चोली, यशोदा के लाल को दुलैया सो सजायो है'

 

मंदिरों के नगरी पन्ना में हर त्योहार बड़े ही अनूठे और निराले अंदाज में मनाए जाते है। ऐसे में रंगों के पर्व होली पर यहां के प्रसिद्ध भगवान श्री जुगल किशोर जी मंदिर की छटा देखते ही बनती है। होली के दिन से पंचमी तक यहां मथुरा की तर्ज पर होली मनाई जाती है।

 भगवान जुगल किशोर जी ने सखी वेष धारण किया हैं। भगवान से इस अलौकिक स्वरूप के दर्शन वर्ष में सिर्फ एक बार होली के बाद दूज के दिन ही होते हैं। यहीं वजह है कि सखी वेष के दर्शन करने पन्ना के श्री जुगल किशोर जी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है।

कृष्ण की भक्ति में लीन महिलाएं जब ढोलक की थाप पर इस तरह के होली गीत गाते हुए गुलाल उड़ाकर नृत्य करती हैं तो जुगल किशोर जी मंदिर में वृन्दावन से कम आनंद नहीं आता। पन्ना में स्थित जुगल किशोर जी का मंदिर पन्ना नगर सहित समूचे बुंदेलखंड के भक्तों का आस्था का केंद्र है।

होली के बाद तीसरे दिन भगवान जुगल किशोर सरकार के सखी वेष के दर्शन करने श्रद्धालु उमड़ पड़े। सुबह 5 बजे से ही महिला श्रद्धालुओं का सैलाब भगवान के सखी वेष को निहारने और उनके साथ गुलाल की होली खेलने के लिए उमड़ पड़ा।

जुगुल किशोर जी मंदिर में 350 वर्ष से भी अधिक समय से यह परंपरा चली आ रही है। जो आज भी कायम है। परंपरा के अनुसार, श्री जुगल किशोर जी मंदिर में होली के तीसरे दिन जब भगवान सखी वेष धारण करते है। गुलाल का ही प्रसाद श्रद्धालुओं को मिलता है। महिलाएं और भक्त एक-दूसरे को गुलाल लगाकर पूरे भक्ति भाव के साथ फाग और होली गीत गाते हैं।