गोरखपुर/फिराक़ लिटरेरी सोसायटी गोरखपुर के तत्वाधान में फिराक़ गोरखपुरी की पुण्य तिथि के अवसर पर, " फिराक सम्मान" एवं मुशायरे का आयोजन किया गया।इस अवसर पर गोरखपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व उर्दू विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अफ़गानुल्लाह ख़ान द्वारा फिराक़ गोरखपुरी पर लिखित किताब फिराक़ की शायरी का विमोचन किया गया।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर चितरंजन मिश्र ने किया एवं मुख्य अतिथि थे गुरुग्राम से पधारे डॉक्टर गुरविंदर बांगा , कार्यक्रम का संचालन महबूब सईद हारिस ने किया।

प्रोफ़ेसर चितरंजन मिश्र ने बताया कि आज मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी की पुण्य तिथि है। फिराक साहब कि लेखनी में मुहब्बत का रंग और भारतीय संस्कृति की खुशबू की महक आती थी। फिराक़ लिट्रेरी सोसायटी, गोरखपुर के अध्यक्ष महबूब सईद हारिस ने कहा कि रघुपति सहाय ऊर्फ फिराक गोरखपुरी की जन्मभूमि गोरखपुर रही है। 

इस अवसर पर गोरखपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व उर्दू विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अफ़गानुल्लाह ख़ान द्वारा उर्दू भाषा में लिखित पुस्तक " फ़िराक की शायरी" का हिंदी रूपांतर किया डॉ. विजाहत हुसैन रिज़वी ने , इस पुस्तक का लोकार्पण प्रोफ़ेसर चिरंजन मिश्र , डॉ. गुरविंदर बांगा, डॉ सौरभ पाण्डेय , डॉ अनामिका श्रीवस्ता , अमित सिंह मोनू , महेश अश्क के हाथों किया गया।

फ़िराक लिटरेरी सोसायटी द्वारा वर्ष 2023 का " फ़िराक लिटरेरी अवार्ड " डॉ. गुरविंदर बांगा को दिया । इसी क्रम में वर्ष 2023 का मोहम्मद हामिद अली अवार्ड , प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ.सौरभ पाण्डेय को तथा 2023 का " एम. कोठियावी अवार्ड " वरिष्ठ पत्रकार एवं यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन गोरखपुर इकाई के अध्यक्ष अमित सिंह मोनू को दिया गया।