महाराष्ट्र में चुनाव आयोग के निर्णय के बाद राजनीतिक गतिविधियां चरम पर हैं. उद्धव ठाकरे लगातार भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने पार्टी को चुनौती दी कि हिम्मत है तो चुनाव लड़ो और जीतो. उन्होने कहा कि हिन्दुत्व को मैंने नहीं त्यागा. सिर्फ भाजपा को छोड़ा है. उद्धव ने कहा कि वे कांग्रेस की ओर नहीं गए, बल्कि उन्हें भाजपा ने धकेला था. भाजपा ने गठबंधन तोड़ा था, उन्होंने नहीं. वे तब भी हिंदू थे और आज भी हिंदू हैं.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि बहुत दिनों बाद हिंदी भाषा की प्रैक्टिस बढ़ा रहा हूं क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि इलेक्शन कमीशन इस तरह का फैसला लेगा. मेरा धनुष बाण चुरा लिया गया. अब प्रभु श्री राम हमारे साथ हैं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले सभी लोग घर आते थे, मगर अब समय के साथ घर आने वाले लोगों की तादात कम हुई है. काशी और महाराष्ट्र के संबंध बहुत पुराने रहे हैं. उन्हें उम्मीद नहीं थी कि फैसला इतनी जल्दी आएगा. उन्होंने कहा कि हमारा धनुष-बाण छीना गया, मगर अब राम हमारे साथ हैं
उद्धव ने कहा कि मैंने भाजपा को छोड़ा है, हिंदुत्व को नहीं. इसका कारण है कि उन्हें भाजपा का हिंदुत्व स्वीकार नहीं है. मेरे पिता और मेरे लिए हिंदुत्व का अर्थ है देश प्रेम. उद्धव ने जनता को अपील करते हुए कहा कि उन्होंने क्या गलती की है. उद्धव बोले आज जो हिंदुत्व की बात करते हैं, वे दंगों के वक्त का कहा थे? आज 56 इंच का सीना दिखा रहे हैं. मगर तब तो आपके पसीने छूट गए थे.
उन्होंने कहा कि मैंने गठबंधन को कभी नहीं तोड़ा, बल्कि मजबूर किया गया. भाजपा ने उन्हें महाविकास अघाड़ी गठबंधन के साथ जाने को धकेला था. इस दौरान उद्धव ने नाम लिए बगैर अमित शाह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कल पुणे में कोई आया था, पूछा कैसा चल रहा है सब. उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन ने उनके पक्ष में निर्णय लिया. उनका कहना है कि भाजपा में रहने वाले ही हिंदुत्व है.