त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन का वक्त रह गया है। चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा की जीत का दावा किया है। शाह ने मंगलवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार अगले पांच वर्षों में राज्य को समृद्ध बनाने के लिए जनादेश मांग रही है।
अमित शाह ने त्रिपुरा में संभावित त्रिशंकु विधानसभा के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब भी दिया। उन्होंने कहा, "त्रिपुरा में निर्वाचन क्षेत्र छोटे हैं। आप देखेंगे कि मतगणना के दिन दोपहर 12 बजे से पहले भाजपा बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी होगी।" समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भाजपा का 'चलो पलटाई' नारा राज्य में सत्ता में आने के लिए नहीं, बल्कि त्रिपुरा में स्थिति को बदलने के लिए नारा था। कांग्रेस-लेफ्ट पर तंज
अमित शाह ने कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन पर तंज भी कसा। शाह ने कहा कि कांग्रेस और माकपा के हाथ मिलाने से पता चलता है कि वे अपने दम पर भाजपा को हराने की स्थिति में नहीं हैं और पार्टी के लिए यह बहुत अच्छी स्थिति है। दोनों दलों ने स्वीकार किया है कि वे अकेले भाजपा को हरा नहीं सकते। शाह ने कहा कि पार्टी की सीटों और वोट शेयर में इजाफा होगा।
शाह ने कहा कि हमने मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश में दोबारा सरकार बनाई है। हम त्रिपुरा विधानसभा चुनाव भी जीतेंगे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा राजस्थान, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी जीत दर्ज करेगी।
प्रदेश में बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इतिहास रच लेफ्ट की लगातार 25 साल से काबिज सरकार को उखाड़ फेंका था। पिछले चुनाव में भाजपा ने 35 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा की सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि सीपीएम सिर्फ 16 सीटों पर ही सिमट गई थी। 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा
बीजेपी की सहयोगी आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) ने 2018 के चुनावों में आठ सीटें जीती थीं। इस बार के चुनाव में बीजेपी 55 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसकी सहयोगी आईपीएफटी पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है।