रोहा डिमौचारिआली निवासी तथा शारीरिक तौर पर अक्षम विशिष्ट भास्कर्ज्य शिल्पी जितेन डेका वर्ष १९८३से भास्कर्ज्य शिल्प के साथ जौडे रहकर बांस वैत के जरिए विभिन्न सामग्री निर्माण करने के साथ ही सैकड़ों प्रभु के आशन निर्माण कर जनता से प्यार और सम्मान पाने में सक्षम होने के साथ ही आज तक विशिष्ट शिल्पी सरकारी सहायता से वंचित है।ईसलिए परिवार वालों और जनता ने शिल्पी जितेन डेका को सरकारी सहायता प्रदान की मांग सरकार से की है।

मालोम हो की शिल्पी डेका का एक पैर से जन्म से ठीक से नही चल पाते है और ईसी तरह डेका अपना जीवन संग्राम चलाने के साथ ही परिवार का लालन पोषण करते आ रहे है।