RBI Monetary Policy 2023 Live Updates: आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy) की बैठक खत्म हो गई है. इसके बाद आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने ब्याज दरों को लेकर अहम फैसला किया है. आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट (Repo Rate) में 25 बेसिस प्वॉइंट यानी 0.25% की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. जिसके बाद प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट (Repo Rate Hike) 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक सोमवार से शुरू हुई. आज यानी बुधवार को इस बैठक के नतीजे की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय किया है.''
MPC के छह में से चार सदस्य Repo Rate बढ़ाने के पक्ष में थे: RBI गवर्नर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया. हालांकि, रेपो दर में वृद्धि की यह वृद्धि पिछली पांच बार की वृद्धि के मुकाबले कम है. केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है. दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी और थोक महंगाई दर 5.95 फीसदी थी, जो आरबीआई के तय लक्ष्य 6 फीसदी के दायरे में है.
रेपो रेट में वृद्धि से आपके लोन की EMI बढ़ेगी
केंद्रीय बैंक के इस कदम से अब आपके लोन महंगे होने वाले हैं. इससे आपके लोन की ईएमआई (EMI) बढ़ जाएगी. रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है, जिसपर आरबीआई (RBI) बैंकों को लोन देता है . इसलिए अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो लोन की ब्याज दर भी बढ़ जाती है. जबकि इसके विपरीत रेपो रेट में कटौती से लोन की ब्याज दर भी कम हो जाती है.
RBI ने लगातार छठी बार रेपो रेट में किया इजाफा
आपको बता दें कि RBI ने लगातार छठी बार रेपो रेट बढ़ाया है. इसके पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई पर काबू पाने के लिए दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया था. वहीं, रेपो रेट में सितंबर 2022 में 50 बेसिस प्वॉइंट, अगस्त 2002 में 50 बेसिस प्वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया गया था.
चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बैठक के बाद कहा कि वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी से घटकर 5.6 फीसदी पर रहने की उम्मीद है. वहीं, चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
अगले वित्त वर्ष में GDP ग्रोथ रेट 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान
केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है. वहीं अगले वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा जताया है. RBI गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट (GDP Growth Rate) 7.8 फीसदी होने की संभवना है. वहीं, उन्होंने वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ के अनुमान को 5.9% से बढ़ाकर 6.2% कर दिया है.