महाराष्ट्र के ग्राम पंचायतों के चुनाव परिणामआ गए हैं. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन कर सामने आई है. बीजेपी के खाते में 271 में से 82 सीटें आई हैं.बीजेपी के बाद एनसीपी दूसरे नंबर की पार्टी बन कर उभरी है. एनसीपी को 53 सीटें मिली हैं. तीसरे नंबर पर 39 सीटें लेकर शिवसेना का शिंदे गुट सामने आया है और चौथे नंबर पर उद्धव गुट है, जिसे 28 सीटें मिली हैं. कांग्रेस फिर पीछे रह गई. कांग्रेस ने 22 सीटों पर जीत हासिल की है. अन्य के खाते में 47 सीटें आई हैं.
बता दें कि 271 में से 33 ग्राम पंचायतों में पहले ही निर्विरोध रूप से चुनाव हो चुके हैं. इसलिए 238 ग्राम पंचायतों की सीटों पर कल चुनाव हुए, जिनके आज रिजल्ट आए. इस तरह से इस वक्त शिवसेना में फूट के बाद पहली बार शिंदे गुट और बीजेपी की इकट्ठा ताकत 122 सीटों की और महा विकास आघाड़ी की ताकत 102 सीटों की है. इस चुनाव में पहली बार शिंदे गुट और ठाकरे गुट के बीच आमना-सामना हुआ.
मराठवाड़ा में शिंदे गुट का बजा डंका, ठाकरे ग्रुप की लगा दी लंका
शिंदे गुट को मराठवाड़ा रीजन में जबर्दस्त कामयाबी मिली. धुले जिले के कुल 52 सीटों पर शिंदे गुट को 20 से ज्यादा सीटें मिलीं. बीजेपी को 15, कांग्रेस को 10 और ठाकरे गुट की शिवसेना को 3 से ज्यादा सीटें मिलीं. औरंगाबाद में भी शिंदे गुट का वर्चस्व दिखाई दिया. यहां सबकी नजरें इसलिए लगी हुई थीं क्योंकि शिंदे गुट में शामिल होने वाले विधायकों की बड़ी तादाद इसी क्षेत्र से थी. शिंदे गुट ने यहां वडगांव कोल्हाटी ग्रामपंचायत की 12 सीटों को जीत कर उद्धव गुट को जबर्दस्त झटका दिया है. सिल्लोड के तीनों ग्राम पंचायतों पर शिंदे गुट का कब्जा हो गया है. पैठन तालुका के 7 में से 6 सीटों पर भी शिंदे गुट का कब्जा हुआ है. अपेगांव, खेर्डा, नानेगांव, शेवता, अनरनांदर, गावंतांडा ग्रामपंचायतों पर शिंदे गुट का कब्जा हुआ है.
ठाकरे गुट ने बीजेपी को दिया झटका, बीजेपी का नंबर फिर भी पहला
राज्य भर में बीजेपी पहले नंबर की पार्टी बन कर भले ही सामने आई हो लेकिन उद्धव ठाकरे गुट ने सोलापुर जिले में बीजेपी को जबर्दस्त झटका दिया है. यहां 9 तालुके के 25 ग्राम पंचायतों के चुनाव परिणाम आए. इनमें पहला रिजल्ट चिंचपूर से आया. यहां बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सुभाष देशमुख का बोलबाला था. लेकिन यहां 7 में से सातों ग्राम पंचायतों में उद्धव ठाकरे के गुट के शिवसेना उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.
लेकिन बाद में जब चुनाव परिणाम आने शुरू हुए तो बीजेपी का बोलबाला साफ दिखाई दिया. बीजेपी ने सोलापुर जिले के 25 में से 9 ग्रामपंचायतों पर अपनी जीत का परचम लहराया. ठाकरे गुट को 4 सीटें हासिल हुईं. शिंदे गुट को यहां सिर्फ 1 सीट से संतोष करना पड़ा. यहां 7 सीटों पर जनता ने स्थानीय गठबंधन का चुनाव किया. किसी जमाने में सोलापुर कांग्रेस का गढ़ रहा है. लेकिन कांग्रेस की यहां दयनीय हार हुई.
बीड जिले में एनसीपी का वर्चस्व कायम
बीजेपी नेता पंकजा मुंडे के चचेरे भाई धनंजय मुंडे के गढ़ बीड में एनसीपी की वर्चस्व कायम है. बीड जिले के 13 ग्राम पंचायतों में से 6 सीटों पर एनसीपी ने कब्जा जमाया है. बीजेपी के हाथ चार सीटें आई हैं.
पुणे में शिवसेना के ठाकरे गुट ने बीजेपी को दिया झटका
पुणे जिले के शिरुर तालुके में भी तांदली ग्राम पंचायत पर शिवसेना के ठाकरे गुट के मच्छिंद्र गदादे और एनसीपी के सुभाष कलसकर ने 10 के मुकाबले 1 के अंदर से जीत हासिल की. यानी बीजेपी को यहां एकतरफा लड़ाई में हराया.